जीरकपुर का सरकारी स्कूल या बीमारियों का घर, एक तरफ श्मशानघाट, दूसरी तरफ बह रहा गंदा नाला

मोहाली जिले के जीरकपुर में गवर्नमेंट हाई स्कूल बिशनपुरा का हाल बिल्कुल अलग है। स्कूल के आसपास बदबू का आलम है। इस स्कूल में करीब 450 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। इस तरफ न तो शिक्षा विभाग का कभी ध्यान गया और न ही किसी राजनीतिक दल का।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 05:30 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 05:30 PM (IST)
जीरकपुर का सरकारी स्कूल या बीमारियों का घर, एक तरफ श्मशानघाट, दूसरी तरफ बह रहा गंदा नाला
गवर्नमेंट हाई स्कूल बिशनपुरा करीब 450 विद्यार्थी पढ़ते हैं।

सुमेश ठाकुर, जीरकपुर। पंजाब के सरकारी स्कूल में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए उन्हें स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाया गया है। राज्यभर में 19 हजार स्कूलों में से 1300 से ज्यादा स्कूल स्मार्ट स्कूल का दर्जा पा चुके हैं। पंजाब के सरकारी स्कूलों में 28 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हीं आंकड़ों को दिखाकर पंजाब सरकार ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को देश भर में परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में पहला स्थान दिला दिया।

वहीं, मोहाली जिले के जीरकपुर में गवर्नमेंट हाई स्कूल बिशनपुरा का हाल बिल्कुल अलग है। स्कूल के आसपास बदबू का आलम है। इस स्कूल में करीब 450 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। इस तरफ न तो शिक्षा विभाग का कभी ध्यान गया और न ही किसी राजनीतिक दल का।

स्कूल के साथ बहता गंदा नाला।

स्कूल की एक दीवार के साथ श्मशानघाट है। वहीं, स्कूल की दूसरी दीवार के साथ गंदे पानी का नाला बह रहा है। स्कूल के पांच सौ मीटर के दायरे में बदबू इतनी ज्यादा है कि वहां पर खड़ा होना संभव नहीं है। बावजूद सैकड़ों विद्यार्थी और स्कूल स्टाफ स्कूल में ऐसे आलम में आठ घंटे की रोज ड्यूटी कर रहे हैं।

स्कूल की दीवार के साथ बना श्मशानघाट।

एक तरफ पंजाब शिक्षा बाेर्ड को परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स सर्वे में देश भर में पहला स्थान मिला है, तो वहीं दूसरी तरफ मोहाली जिले का जीरकपुर शहर पंजाब का सबसे विकसित शहर होने का दावा करता है। दस सालों के भीतर अवैध कलोनियों के निर्माण के साथ स्थानीय आबादी तीन लाख से ज्यादा हो चुकी है। वहीं, जीरकपुर में चंडीगढ़ का इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी है। सैड़कों हाउसिंग प्रोजेक्ट भी जीरकपुर में हैं जिससे शहर में करोड़ों का कारोबार हो रहा है। बावजूद स्टूडेंट्स और टीचर्स की परेशानी को देखने वाला कोई नहीं है। यह हाल जीरकपुर के सिर्फ एक स्कूल का नहीं बल्कि पंजाब के सैकड़ों स्कूल का है।

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