पटाखे बैन का विरोध, क्रैकर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ ने कहा- दो साल से झेल रहे नुकसान, प्रशासन ने की मनमानी
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में पटाखे बेचने और चलाने पर पाबंदी लगा दी है। इस फैसले का अब विरोध होने लगा है। पटाखा एसोसिएशन चंडीगढ़ ने प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ नाराजगी जताते हुए मनमानी का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पटाखों को बेचने और जलाने पर यूटी प्रशासन ने पूर्ण पाबंदी लगा दी है। लेकिन प्रशासन के यह आदेश क्रैकर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ को रास नहीं आ रहे। वह इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं। इसे सीधे सीधे उनके रोजगार पर प्रहार बताया है। क्रैकर्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के प्रेसिडेंट देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि प्रशासन दो साल से उनके साथ ठीक नहीं कर रहा। वह कई दिनों से अधिकारियों से मिलने का समय मांग रहे थे लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। उनकी बात तक नहीं सुनी गई। अपनी मर्जी से निर्णय ले लिया।
उन्होंने कहा कि पिछले साल शहर में पटाखे बैन कर दिए गए थे, जिस वजह से उनका लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। रोक लगे तो पूरी ट्राईसिटी में लगाई जाए। पंचकूला और मोहाली में पटाखे बिकेंगे भी और जलेंगे भी। ऐसा कैसे हो सकता है कि पटाखे पंचकूला और मोहाली में जले तो हवा से प्रदूषण चंडीगढ़ नहीं आएगा। प्रशासन के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। वह जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाकर निर्णय लेंगे। इस फैसले का विरोध किया जाएगा।
एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी चिराग अग्रवाल ने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने आदेश में तीन दिन पटाखे बेचने और दीपावली के दिन ढाई घंटे जलाने की मंजूरी दी थी। प्रशासन को इन आदेशों के तहत निर्णय लेना चाहिए था। अभी कोरोना से हालात पिछले साल से भी बेहतर हैं पटाखों से सैकड़ों लोगों का रोजगार जुड़ा है। जब पंजाब और हरियाणा पूर्ण पाबंदी नहीं लगा रहे तो चंडीगढ़ में ऐसा करना गलत है।
वहीं एडवाइजर का यह तर्क
चंडीगढ़ के एडवाइजर धर्म पाल ने कहा कि पटाखे जलने से पैदा होने वाले प्रदूषित वातावरण में कोरोना वायरस फैलने के खतरे को देखते हुए इस रिस्क से बचने के लिए पटाखे बेचने और जलाने पर रोक लगाई गई है। एनजीटी के आदेश और कोविड के हालात को देखते हुए यह आदेश जारी किए गए हैं।