चंडीगढ़ में Covishield के रेट हुए कम, पहले 900 में लग रही थी वैक्सीन, अब देने होंगे 780 रुपये
चंडीगढ़वासियों के लिए राहत की खबर है कि शहर में कोविशील्ड वैक्सीन के रेट तय कर दिए गए हैं। शहर के प्राइवेट अस्पतालों में अब कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के लिए 780 रुपये देने होंगे जबकि पहले 900 रुपये देने पड़ रहे थे।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के प्राइवेट अस्पतालों (Chandigarh Private Hospital) में कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की कीमत कम कर दी गई है। वैक्सीन की एक डोज के लिए पहले लोगों को 900 रुपये देने पड़ रहे थे। अब जीएसटी (GST) घटने के बाद वैक्सीन कि एक डोज के लिए अब लोगों को 780 रुपये देने होंगे। प्रशासन की ओर से इस संदर्भ में एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट द्वारा स्वास्थ्य उपकरणों पर घटाए गए जीएसटी के संदर्भ में शहर के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के अलावा केमिस्ट संचालकों को भी यह निर्देश जारी किए जा रहे हैं ताकि जिन स्वास्थ उपकरणों पर जीएसटी घटाया गया है। उन उपकरणों पर मरीजों या लोगों से अधिक पैसे वसूल किए जाएं।
केंद्र सरकार की ओर से बीते शनिवार को 44वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई। यह बैठक केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सितारमण की अध्यक्षता में हुई। बैठक में स्वास्थ्य उपकरणों पर जीएसटी घटाने का अहम फैसला लिया गया था। ब्लैक फंगस मरीजों के इलाज में काम आने वाले एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन पर 5 फीसद से शून्य जीएसटी कर दिया गया है। इसी प्रकार कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन पर जीएसटी 12 से घटाकर पांच फीसद,मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन पर जीएसटी 12 से पांच फीसद, ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर पर 12 से पांच फीसद जीएसटी, वेंटिलेटर पर 12 से पांच फीसद जीएसटी, ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजर, कोविड टेस्टिंग किट पर जीएसटी पांच फीसद कर दिया है।
विभाग ने बनाई कमेटी
जिन स्वास्थ्य उपकरणों पर जीएसटी घटाया गया है। उन पर लोगों से ओवरचार्जिंग ना हो इसके लिए एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट की ओर से कमेटी बनाई गई है जो कि शहर में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों के अलावा केमिस्ट शॉप पर इन उपकरणों पर की जा रही चार्जिंग को लेकर चेकिंग करेंगे इसमें एडिशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर के नेतृत्व में 3 टीमें बनाई गई हैं। तीनों टीमों के नेतृत्व में जीएसटी आईटीओ के अलावा जीएसटी इंस्पेक्टर और टैक्सेशन ऑफिसर शामिल किए गए हैं।