छात्रों के धरने में किसानों की बात, कोविड गाइडलाइन दरकिनार

इस बीच फिजिकल डिस्टेंसिग कहीं नजर नहीं आई। और तो और इस प्रदर्शन के लिए न तो पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन और न ही चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों से कोई अनुमति ली गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:53 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:53 PM (IST)
छात्रों के धरने में किसानों की बात, कोविड गाइडलाइन दरकिनार
छात्रों के धरने में किसानों की बात, कोविड गाइडलाइन दरकिनार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में मंगलवार को कोविड-19 को लेकर लागू गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ीं। कुलपति दफ्तर के सामने छात्र संगठन स्टूडेंट्स फॉर सोसाइटी (एसएफएस) की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन में दो सौ से अधिक स्टूडेंट्स और कई किसान नेता शामिल हुए, लेकिन अधिकतर प्रदर्शनकारी बिना मास्क के थे। इस बीच फिजिकल डिस्टेंसिग कहीं नजर नहीं आई। और तो और इस प्रदर्शन के लिए न तो पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन और न ही चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों से कोई अनुमति ली गई थी। पीयू प्रशासन के अधिकारी तो पूरे मामले पर चुप्पी साधे रहे। जबकि पुलिस ने पूरे मामले पर पीयू प्रशासन की गलती बताया है।

गौरतलब है कि बीते दिनों पीयू में तीन सौ से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए। वहीं पांच कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई थी।

देश का किसान वेंटिलेटर पर है : गुरनाम सिंह

प्रदर्शन में भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी तमाम किसान नेताओं के साथ पहुंचे थे। उन्होंने छात्रों को संबोधित किया। लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि किसान नेताओं ने छात्रों की मांगों का जिक्र करने से ज्यादा यहां किसान आंदोलन की चर्चा की। प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह ने छात्रों की मांगों का समर्थन किया। गुरनाम सिंह ने कहा कि इस समय भारतीय किसान वेंटिलेटर पर है। लेकिन केंद्र सरकार किसानों के हक को लेकर फैसला लेने को तैयार नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम किसी पर भी हाथ नहीं उठाएंगे। किसी भी तरह के जान-माल की रक्षा करना हम सब का फर्ज है। कृषि कानूनों पर गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार से 23 फसलों पर एमएसपी निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन उसे सिरे से नकार दिया गया। किसान आंदोलन की आड़ में धरने पर बैठे लोगों की हत्या और दुष्कर्म जैसे मामलों के सवाल पर गुरनाम सिंह में कहा कि इसे बेवजह कुछ तूल दिया जा रहा है। किसान नेताओं के पंजाब यूनिवर्सिटी में बुलाने को लेकर छात्र संगठनों द्वारा किसी तरह की कोई अनुमति नहीं ली गई थी इस बारे में छात्रों द्वारा सिर्फ जानकारी दी गई थी।

- रेणुका सालवन डायरेक्टर पब्लिक रिलेशन पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़। पीयू कैंपस में वीसी दफ्तर के सामने प्रदर्शन को लेकर कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई। हमने शांति बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी। कोविड-19 में ऐसे आयोजनों पर पूरी तरह पाबंदी है तो पीयू प्रशासन को इस पर एक्शन लेना चाहिए।

- रणजोत सिंह, एसएचओ सेक्टर-11 थाना, चंडीगढ़

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