CBI को झटका, बेअदबी मामलेे में SIT की जांच पर रोक से लगाने से कोर्ट का इंकार

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले की जांच के लिए बनाई गई SIT की जांच पर रोक लगाने से CBI कोर्ट ने इंकार कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2020 10:03 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2020 10:03 AM (IST)
CBI को झटका, बेअदबी मामलेे में SIT की जांच पर रोक से लगाने से कोर्ट का इंकार
CBI को झटका, बेअदबी मामलेे में SIT की जांच पर रोक से लगाने से कोर्ट का इंकार

जेएनएन, मोहाली। पंजाब सरकार द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले की जांच के लिए बनाई गई SIT की जांच पर रोक लगाने से CBI कोर्ट ने इंकार कर दिया है। इससे CBI को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि CBI के आवेदन में कई तकनीकी खामियां हैैं। इसके साथ ही कोर्ट ने पंजाब सरकार व शिकायतकर्ता को 18 जुलाई तक अपने जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैैं। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।

CBI कोर्ट के स्पेशल जज जीएस सेखों ने कहा कि CBI के आवेदन में SIT जांच की तेजी पर स्थायी रोक लगाने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है। बेअदबी के आरोपितों डेरा प्रेमी सुखजिंदर सिंह सन्नी व शक्ति सिंह ने भी इस संबंध में अलग से कोई आवेदन नहीं दिया है। कोर्ट में CBI जांच पर स्थायी रोक लगाने संबंधी कई दलीलें पेश की गईं और कुछ जजमेंट का हवाला भी दिया गया, लेकिन अदालत ने फिलहाल इस स्टेज पर इन जजमेंटों को मानने से इंकार कर दिया। उल्लेखनीय है कि डीआइजी रणबीर सिंह खटड़ा के नेतृत्व वाली SIT ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेअदबी मामले में मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

डेरा प्रेमियों के वकील आरके हांडा व जेबीएस गिल ने SIT से जांच वापस लेकर CBI को सौंपने की दलील दी। पंजाब सरकार की ओर से पेश जिला अटॉर्नी संजीव बत्रा ने CBI व डेरा प्रेमियों की याचिका का विरोध किया। बेअदबी मामले की शीघ्र जांच की मांग करने वाले अन्य पक्षकार शिकायतकर्ता रणजीत सिंह व गोरा सिंह के एडवोकेट गगन प्रदीप सिंह बल और एसजीपीसी के कुलविंदर सिंह व सतनाम सिंह कलेर ने अदालत के ध्यान में लाया कि पांच साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। CBI व SIT की आपसी लड़ाई के कारण उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिली। अगर CBI को तुरंत स्थायी रोक चाहिए थी तो वह सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई। सुप्रीम कोर्ट में उसकी पुनर्विचार याचिका अभी विचाराधीन है और अर्जेंट मैटर का हवाला देकर वह सुप्रीम कोर्ट जा सकती थी।

CBI 15 जुलाई तक मुहैया करवाए दस्तावेज

एडवोकेट बल ने अदालत से अपील की कि सुप्रीम कोर्ट में CBI द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका की कॉपी मुहैया करवाई जाए, ताकि तथ्यों के आधार पर पर वह अपना जवाब दाखिल कर सकें। अदालत ने CBI के जांच अधिकारी अनिल कुमार यादव को निर्देश दिए कि बल को 15 जुलाई तक ईमेल के जरिए सारे दस्तावेज मुहैया करवाए जाएं। 

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