कोर्ट ने पूछा-चार हथियारबंद कमांडो, गन सहित डीएसपी फिर अकेले युवक ने कैसे हमला किया
जिला अदालत में एक मामले की सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ पुलिस को एक बार फिर फटकार पड़ी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : जिला अदालत में एक मामले की सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ पुलिस को एक बार फिर फटकार पड़ी है। इस महीने में तीसरी बार है जब कोर्ट ने पुलिस को लताड़ा है।
चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी एसपीएस सोंधी और उनके गनमैन पर हमला करने के आरोप में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सेक्टर-43 के अनमोल को बरी कर दिया है। पांच साल पहले अनमोल पर डीएसपी सोंधी के गनमैन की शिकायत पर सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने और सरकारी कर्मी पर हमला करने के आरोप में केस दर्ज हुआ था, लेकिन सबूतों के अभाव में कोर्ट ने अनमोल को बरी कर दिया है।
अनमोल का केस लड़ने वाले एडवोकेट गुरदित्त सिंह सैणी ने उनके बचाव में कहा कि जिस समय की ये वारदात है तब मौके पर चार कमांडो थे जिनमें से दो गनमैन थे। उनके पास हथियार थे और डीएसपी सोंधी के पास भी सर्विस रिवॉल्वर थी। ऐसे में एक अकेला युवक इतने पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ने की हिम्मत कैसे करेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक झूठी कहानी बनाई थी, जिस समय से सब कुछ हुआ तब डीएसपी सरकारी गाड़ी से कहीं जा रहे थे, यानी उस जगह पर उनकी ड्यूटी नहीं थी। इसलिए ड्यूटी में बाधा पहुंचाने का केस नहीं बनता। ये था मामला
16 अक्टूबर 2016 को डीएसपी सोंधी सरकारी गाड़ी से जा रहे थे। जब वे सेक्टर-24/25 के चौक पर पहुंचे तो उनकी नजर मोटरसाइकिल सवार अनमोल पर पड़ी। उसने हेलमेट नहीं पहना था। पुलिस ने उसने रुकने का इशारा किया, लेकिन वह भाग निकला। पुलिस ने कुछ दूरी पर ही उसे काबू कर लिया, लेकिन अनमोल ने उनसे धक्का-मुक्की शुरू कर दी जिससे हेड कांस्टेबल बलजीत सिंह जमीन पर गिर गया। डीएसपी सोंधी और बाकी पुलिसकर्मियों ने फौरन अनमोल को काबू किया। उन्होंने उसकी बाइक इंपाउंड कर ली और पुलिस को शिकायत देकर उस पर केस दर्ज करवा दिया।