पंजाब में मुफ्त बिजली का महंगा खेल, सब्सिडी पर तेज हुई राजनीति, जानें कैसे संपन्‍न वर्ग उठा रहा फायदा

Free Electricity in Punjab पंजाब में मु्फ्त बिजली का महंगा खेल हो रहा है। राज्‍य में फ्री बिजली और बिजली सब्सिडी के नाम पर राजनीति तेज हो गई है। जिन वर्गों को बिजली सब्सिडी दी गई है उसका फायदा संपन्‍न वर्ग के लोग उठा रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 30 Jun 2021 10:54 AM (IST) Updated:Wed, 30 Jun 2021 10:54 AM (IST)
पंजाब में मुफ्त बिजली का महंगा खेल, सब्सिडी पर तेज हुई राजनीति, जानें कैसे संपन्‍न वर्ग उठा रहा फायदा
पंजाब में मु्फ्त बिजली पर सियासत शुरू हाे गई है। (सांकेतिक फोटो)

पंजाब में मुफ्त बिजली का महंगा खेल चल रहा है। राज्‍य में कमजोर वर्गों के लिए दी गई बिजली सब्सिडी का फायदा संपन्‍न लाेग उठा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के राष्‍ट्रीय संयोजक और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पंजाब में तीन सौ यूनिट तक निशुल्क बिजली देने का ऐलान करने से राज्य में एक बार फिर से बिजली सब्सिडी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है।

तीन-चार दिन पहले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जब कांग्रेस की अंतर्कलह को समाप्त करने के लिए बनाई गई खड़गे कमेटी से मिलकर लौटे थे तो उन्हें हर घर को दो सौ यूनिट मुफ्त देने पर काम करने को कहा गया था। इस बारे में पहली बैठक उन्होंने आते ही की थी। पंजाब में विभिन्न आठ वर्गों के कुल 40,11,016 उपभोक्ताओं को पहले से ही या तो मुफ्त बिजली मिल रही है या फिर सब्सिडी पर दी जा रही है जिस पर लगभग सालाना 10, 668 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो।

सबसे मजेदार बात यह है कि जरूरतमंदों के नाम पर दी जा रही सब्सिडी का बड़ा हिस्सा पहले से ही संपन्न वर्ग को मिल रहा है। अगर किसानों को उनकी फसलों के लिए मुफ्त बिजली देने की बात की जाए तो पंजाब में 14.32 लाख ट्यूबवेल धारकों 6735 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलती है।

मुफ्त बिजली का आधे से ज्यादा हिस्सा 25 एकड़ से ज्यादा भूमि वाले किसानों को मिल रहा है जिनकी गिनती मात्र 59 हजार है। जिन सीमांत किसानों को सब्सिडी देकर सहारा देने की बात की जाती है, उनमें से ज्यादातर के पास तो ट्यूबवेल ही नहीं है। वे इन्हीं बड़े किसानों से पानी खरीद कर अपनी जमीन को लगाते हैं। लगभग यही हाल इंडस्ट्री का है।

इंडस्ट्री को पांच रुपए प्रति यूनिट के नाम पर मिल रही 2274 करोड़ की सब्सिडी में से 1928 करोड़ रुपये की सब्सिडी केवल दस हजार औद्योगिक इकाइयों को मिलती है जबकि स्माल स्केल और मीडियम स्केल के 1.36 लाख उपभोक्ताओं को मात्र 344 करोड़ रुपये मिलते हैं।

इन वर्गों को भी मिलती है सब्सिडी

पंजाब में इसके अलावा अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गाें को 200 यूनिट निशुल्क दी जाती है लेकिन इसमें शर्त यह है कि इनके पास एक किलोवाट का लोड हो। कल ही गुरदासपुर में कई ऐसे घरों पर पावरकॉम ने छापामारी की है जो यह सुविधा प्राप्त कर रहे हैं लेकिन इनके घरों में एसी आदि भी चल रहे थे। यानी इन लोगों ने कागजों में मात्र एक किलो वाट लोड दिखाया है जबकि खपत ज्यादा कर रहे हैं।

पंजाब में अनुसूचित जातियों के 19 लाख 70 हजार 811 उपभोक्ता हैं जिन्हें 1339.58 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलती है। बीपीएल के 1.15 लाख के लगभग परिवारों को 75 करोड़, पिछड़े वर्ग के 3.46 लाख उपभोक्ताओं को 212.39 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है।

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