चंडीगढ़ मैप वाले सीवरेज मैनहोल कवर की कीमत 15 लाख रुपये, अब इन्हें बदलेगा नगर निगम
चंडीगढ़ मैप वाले एक सीवरेज मैनहोल कवर की कीमत 15 लाख रुपये है। शायद आप इस बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह सच है। क्योंकि यह मैनहोल ढक्कर शहर से चोरी होकर विदेश में नीलाम होते हैं और इनकी बोली हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपये में लगती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ को डिजाइन में आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए और उनके कजिन पियरे जेनरे ने छोटी से छोटी चीज का ख्याल रखा। मॉडर्न आर्किटेक्चर वर्क से चंडीगढ़ को विश्व में पहचान मिली। उनके बनाए सीवरेज के मैनहोल कवर भी आम नहीं हैं। इन कवर पर चंडीगढ़ का पूरा मैप उभरे आकार में बनाया गया। जो बाद में हेरिटेज बन गए।
इन सीवरेज मैनहोल ढक्कन पर तस्करों की बुरी नजर ऐसी पड़ी कि यह चोरी होने शुरू हो गए। फिर विदेशी नीलाम घरों में पहुंचकर लाखों रुपये में इनको नीलाम किया जा रहा है। एक-एक मैनहोल कवर 15-15 लाख रुपये में नीलाम हुआ। अब इसी तस्करी को रोकने के लिए नगर निगम मैनहोल कवर को बदलने का निर्णय लिया है। इनकी रिप्लेसमेंट करने के लिए नगर निगम ने टेंडर जारी किया है। इसमें सभी मैनहोल कवर को बदलने के लिए अनुमानित राशि 71 लाख रुपये तक की गई है। डिविजन नंबर-3 के नोडल अधिकारी की तरफ से यह टेंडर किया गया है। इसकी टेक्नीकल बिड 29 जून को खोली जाएगी।
सीवरेज म्यूजियम बनाने की अपील
हेरिटेज फर्नीचर की चोरी रोकने के खिलाफ आवाज उठाने वाले एडवोकेट अजय जग्गा ने इन मैनहोल कवर को बदलते समय मॉनीटरिंग किए जाने की अपील की है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को लिखी चिट्ठी में उन्होंने इन मैनहोल कवर से संबंधित जानकारी दी। जग्गा ने दावा किया कि पहले ऑक्शन में एक मैनहोल 15 लाख में नीलाम हुआ है। अगर शहर में ऐसे एक हजार मैनहोल कवर भी हुए तो यह करीब 150 करोड़ रुपये के होंगे। इंटरनेशनल मार्केट में इनकी वेल्यू बहुत ज्यादा है। इन मैनहोल कवर को सहेजने के लिए सीवरेज म्यूजियम बनाने का आग्रह किया है। जहां इन्हें सहेजा जा सके। टोक्यो और पेरिस में इस तरह के म्यूजिमय बने हैं। सीनियर अधिकारी की देखरेख में इन्हें बदला जाना चाहिए। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इनकी नंबरिंग और कैटलॉग बनाया जाना चाहिए। यह हार्ड और सॉफ्ट कॉपी में बनाया जाए। इसमें बरती गई कोई भी लापरवाही प्रशासन को बड़ा नुकसान पहुंचाएगी।