CoronaVirus: पंजाब में कहर बना कोरोना लेकिन युवा नहीं करवा रहे टेस्ट, बुजुर्गों हो रहे अधिक संक्रमित

CoronaVirus पंजाब में कोरोना वायरस से मृत्‍युदर बढ़ रही है और लोग काफी संख्‍या में इस महामारी से संक्रमित हो रहे हैं इसके बावजूद इसके प्रति जागरूकता की कमी है। युवा कोरोना टेस्‍ट करवाने नहीं आ रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 09:33 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 09:33 AM (IST)
CoronaVirus: पंजाब में कहर बना कोरोना लेकिन युवा नहीं करवा रहे टेस्ट, बुजुर्गों हो रहे अधिक संक्रमित
पंजाब में युवा कम संख्‍या में कोरोना टेस्‍ट करवाने आ रहे हैं। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। CoronaVirus: पंजाब में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की गति भले ही कुछ धीमी पड़ रही हो, लेकिन इससे मृत्‍यदर लगातार बढ़ रही है। इस पूरे क्रम में यह बात यह भी उभर कर सामने आई है कि युवा वर्ग टेस्टिंग को लेकर गंभीर नहीं है। दूसरी लहर में युवा वर्ग कोरोना का कोरियर बन गया है। दूसरी ओर कोरोना बुजुर्गों को अधिक निशाना बना रहा है।

 61 वर्ष से अधिक उम्र के लोग सबसे ज्यादा आए कोरोना की चपेट में

सेहत विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में 16 मई तक टेस्ट के लिए 82.12 लाख सैंपल लिए गए। इसमें से सबसे कम रुझान युवाओं का रहा। ज्यादातर युवा या तो कालेज या युनिवर्सिटी में जाने के लिए ही टेस्ट करवाते रहे। हालांकि 15 से 30 वर्ष आयु वर्ग का औसत भी मात्र 2.20 फीसदी रहा। वहीं, कोरोना की चपेट में आने वालों में 61 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की संख्या ज्यादा रही है।

मार्च 2020 से लेकर अब तक राज्य में 4.97 लाख पाजिटिव केस आ चुके हैं। इसमें से 55.50 फीसद पाजिटिव केस 61 वर्ष से ऊपर के हैं। सेहत विभाग के लिए ¨चता का विषय यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में वह वर्ग जो या तो रिटायर हो चुका है या उसकी गतिविधियां काफी कम हैं, वह पाजिटिव कैसे हुआ। विभाग का यह तर्क है कि इस उम्र में शरीर के अंदर बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में किसी पाजिटिव केस के संपर्क में आने के बाद खतरा बढ़ जाता है।

वहीं, आंकड़े यह भी बताते हैं कि जिस युवा वर्ग को सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा था वह वर्ग सबसे कम प्रभावित हुआ है। 15 से 30 आयु वर्ग के युवाओं का पाजिटिविटी दर मात्र 2.20 फीसद रहा। 4.97 लाख में से 10,949 पाजिटिव केस युवाओं के रहे हैं। इसी प्रकार 31 से लेकर 50 वर्ष के लोग जिन्हें सबसे ज्यादा कामकाजी माना जाता है उसकी पाजिटिविटी औसत 20.06 रही है। यानि कि इस आयु वर्ग में एक लाख लोग पाजिटिव पाए गए।

सेहत विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि कामकाजी वर्ग ने कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा के खासे उपाए किए। चूंकि उसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी होती है इसलिए भी वह जागरूक रहा। जबकि 51 से 60 आयु वर्ग में पाजिटिव आने की दर में खासा उछाल भी देखने को मिला। इस आयु वर्ग में 23.99 फीसद लोग पाजिटिव पाए गए। अहम पहलू यह है कि पंजाब में 0 से 14 आयु वर्ग में अभी तक मात्र 746 बच्चे ही पाजिटिव पाए गए हैं।

आयु वर्ग (वर्ष में)               कोरोना पाजिटिव फीसद में          कोरोना पाजिटिव  संख्या

0-14                                         0.15                                   746

15-30                                       2.20                                   10,949

31-40                                       5.70                                    28,369

41-50                                       14.36                                  71,470

51-60                                       23.99                                  1,19,399

61-70                                       29.22                                   1,45,429

70 वर्ष से अधिक                        24.38                                     1,21,340

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