कोरोना योद्धा गुरु के मुरीद हुए महानायक

कोरोना संकट के दौरान जब लोग अपनों से मिलने पर भी परहेज करने लग गए थे। उस मुश्किल घड़ी में चंडीगढ़ के दो कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 08:14 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 08:14 AM (IST)
कोरोना योद्धा गुरु के मुरीद हुए महानायक
कोरोना योद्धा गुरु के मुरीद हुए महानायक

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़

कोरोना संकट के दौरान जब लोग अपनों से मिलने पर भी परहेज करने लग गए थे। उस मुश्किल घड़ी में चंडीगढ़ के दो कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की। सदियों के महानायक अमिताभ बच्चन भी खुद इनके मुरीद हो चुके हैं। देश इनके जज्बे को आज सलाम कर रहा है। बेसहारा और उम्मीद छोड़ चुके लोगों की हिम्मत बन, इन दोनों जांबाजों ने समाज में इंसानियत कायम रखी। ये कहानी है पीजीआइ चंडीगढ़ के जूनियर रेजिडेंट डा. रश्मी रंजन गुरु और स्वरमनी फाउंडेशन के सहायक संस्थापक मोहम्मद अमजद की। पीजीआइ के डा. गुरु ने बीमारी की हालत में जहां 10 से 11 घंटे कोविड वार्ड में मरीजों की देखभाल की। वहीं, जब कोरोना से मृतक लोगों का रेडक्रास कर्मचारियों ने संस्कार करने से इंकार कर दिया, तब मोहम्मद अमजद और टीम ने कोरोना मृतकों का सम्मानपूर्वक और विधिविधान से संस्कार किया।

बीमारी की हालत में भी कोविड वार्ड में मरीजों की देखभाल की

मूल रूप से ओडीशा के पीजीआइ के जूनियर रेजिडेंट डा. गुरु ने कोरोना महामारी के दौरान नेहरू एक्सटेंशन हास्पिटल में कोविड वार्ड में दिन-रात संक्रमित मरीजों की देखभाल की। डा. गुरु ने नौ माह तक बिना छुट्टी लिए संक्रमित मरीजों का इलाज किया। एक कार्यक्रम के दौरान महानायक अमिताभ बच्चन ने डा. गुरु की बतौर कोरोना योद्धा कहानी साझा की। उन्होंने बताया था कि एक दिन जब वे तबीयत ठीक न होने के कारण पीजीआइ नहीं जा सके और दवाई लेकर सो गए। इस बीच थोड़ा ठीक महसूस करने के बाद जब उनसे नहीं रहा गया, तो डाक्टर गुरु फिर पीजीआइ पहुंचकर संक्रमित मरीजों की देखभाल में जुट गए। सेवा ही सबसे बड़ा धर्म

कोरोना योद्धा मोहम्मद अमजद ने कहा की उनकी नजर में सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने बताया कि वे जीरकपुर के बलटाना में रहते हैं। सेक्टर-11 पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज में बीए तीसरे वर्ष के छात्र हैं। उनके नाम दो बार लिम्का बुक आफ रिकार्ड भी दर्ज है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रेडक्रास के कर्मचारियों ने कोरोना संक्रमित शव उठाने से मना कर दिया था। तो दोस्तों के साथ मिलकर कोरोना मृतकों का संस्कार किया। जब भी फोन आता वे बिना कुछ सोचे समझे मदद के लिए चले जाते। मुंबई में हुए एक कार्यक्रम ने महानायक ने इनके जज्बे को किया था सलाम

महानायक अमिताभ बच्चन ने मुंबई में हुए एक निजी कार्यक्रम में मोहम्मद अमजद और पीजीआइ के जूनियर रेजिडेंट डा. गुरु के जज्बे और हौसले को देश के सामने रखा था। 26/11 मुंबई हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर से कुछ चुनिदा कोरोना योद्धाओं की कहानी बताई गई थी।

प्रस्तुति : विशाल पाठक, चंडीगढ़

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