चंडीगढ़ के GMSH-16 में डॉक्टरों की लापवाही से कोरोना मरीज की मौत, प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से जांच की मांग
सेक्टर 16 स्थित गवर्नमेंट मल्टी स्पेशएलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा है। अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद एससी बीसी बैकवर्ड क्लास एंड माइनॉरिटी फाइनेंशियल एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन के गैर सरकारी निदेशक नरेंद्र चौधरी ने इस घटना की जांच की मांग की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के सरकारी अस्पतालों में इन दिनों व्यवस्था लाचार है। सेक्टर 16 स्थित गवर्नमेंट मल्टी स्पेशएलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा है। अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद एससी बीसी बैकवर्ड क्लास एंड माइनॉरिटी फाइनेंशियल एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन के गैर सरकारी निदेशक नरेंद्र चौधरी ने इस घटना की जांच के लिए चंडीगढ़ प्रशासक वीपी सिंह बदनोर को पत्र लिखा है और जीएमएसएच-16 की लापरवाही के खिलाफ जांच की मांग की है।
नरेंद्र चौधरी ने बताया कि डड्डूमाजरा के निवासी मुन्ना राम को उसके स्वजनों ने 25 अप्रैल को पेट में दर्द होने के चलते जीएमएसएच 16 अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि मुन्ना राम का ऑक्सीजन लेवल काम है और उसके बाद मुन्ना राम का कोरोना टेस्ट भी करवाया गया। हॉस्पिटल द्वारा जो रिपोर्ट दी गई उसके मुताबिक मुन्ना राम कोविड पॉजिटिव पाया गया और उसे हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया गया।
28 अप्रैल को मुन्ना राम की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और ऑक्सीजन लेवल भी बहुत कम हो गया। डॉक्टरों ने मुन्ना राम के बेटे को कहा कि मरीज को कहीं और शिफ्ट करा लो, जहां वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था हो। परिवार ने कहा डॉक्टरों को हॉस्पिटल में वेंटिलेटर देने की बात कही तो डॉक्टरों ने साफ इंकार कर दिया कि हमारे पास ऐसा कोई भी बेड खाली नहीं है।
इसके बाद मुन्ना राम के बेटे ने पिता को पीजीआइ या सेक्टर-32 के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट कराने के लिए कहा लेकिन हॉस्पिटल के डॉक्टर उसकी बातों को अनसुना करते रहे। तबीयत खराब होने के बाद मुन्ना राम की शुक्रवार को अस्पताल में मौत हो गई। इस पर नरेंद्र चौधरी ने मुन्ना राम की मौत की जांच करवाने की मांग की है। वहीं, लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की भी मांग की।