पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की एसी जोशी लाइब्रेरी में एंट्री को लेकर फिर विवाद, पुलिस ने संभाला मोर्चा

पंजाब यूनिवर्सिटी की मेन एसी जोशी लाइब्रेरी खोलने का विवाद खत्म नहीं हो पा रहा है। तीन दिन से एसएफएस छात्र संगठन के नेता रिसर्च स्काॅलर के साथ ही मास्टर डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स को भी लाइब्रेरी के प्रयोग की अनुमति मांग रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 12:52 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 12:52 PM (IST)
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की एसी जोशी लाइब्रेरी में एंट्री को लेकर फिर विवाद, पुलिस ने संभाला मोर्चा
पंजाब यूनिवर्सिटी की एसी जोशी लाइब्रेरी के बार बैठे छात्र।

चंडीगढ़ [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। पंजाब यूनिवर्सिटी की मेन एसी जोशी लाइब्रेरी खोलने का विवाद खत्म नहीं हो पा रहा है। एक तरफ पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरी लाइब्रेरी खोलने को तैयार नहीं तो दूसरी तरफ स्टूडेंट्स सभी स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी में एंट्री की मांग कर रहे हैं। कुछ रोज पहले ही पीयू प्रशासन ने रिसर्च स्काॅलर को कुछ शर्तों पर लाइब्रेरी में पढ़ने की इजाजत दे दी थी। लेकिन बीते तीन दिन से एसएफएस छात्र संगठन के नेता रिसर्च स्काॅलर के साथ ही मास्टर डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स को भी लाइब्रेरी के प्रयोग की अनुमति मांग रहे हैं। मंगलवार सुबह से ही लाइब्रेरी के बाहर पीयू सिक्योरिटी और छात्र नेताओं के बीच विवाद चल रहा है। स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी में एंट्री करने से रोकने पर काफी देर तर हंगामा हुआ। विवाद बढ़ता देख पीयू प्रशासन ने पुलिस को भी बुला लिया। पीयू प्रशासन के अनुसार फिलहाल लाइब्रेरी में सिर्फ रिसर्च स्काॅलर को ही एंट्री की अनुमति है। लेकिन एसएफएस एमए और दूसरे साइंस संकायों के स्टूडेंट्स को भी लाइब्रेरी में एंट्री को लेकर अड़े हुए हैं।

विवाद को बढ़ता देख लाइब्रेरी के अंदर और बाहर काफी संख्या में चंडीगढ़ पुलिस के जवान और पीयू सिक्योरिटी गार्ड को तैनात कर दिया है। विरोध में काफी संख्या में स्टूडेंट्स लाइब्रेरी गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए हैं। विवाद बढ़ता देख घटना स्थल पर एसोसिएट डीएसडब्ल्यू प्रो.अशोक कुमार, कई रजिस्ट्रार और लाइब्रेरी के अधिकारी भी पहुंच गए। पूरे मामले में स्टूडेंट्स के विरोध को देखते हुए सभी अधिकारियों ने मामले को सुलझाने के लिए एसएफएस छात्र नेताओं के साथ बातचीत भी की लेकिन कोई हल नहीं निकला। स्टूडेंट्स का आरोप है कि लाइब्रेरी में 30 से 40 रिसर्च स्काॅलर ही पढ़ाई करने आ रहे हैं, जबकि लाइब्रेरी की कैपेसिटी 500 स्टूडेंट्स से अधिक है। ऐसे में अगर कोविड-19 प्रोटोकाॅल को भी फोलो किया जाए तो कम से कम 200 से अधिक स्टूडेंट्स एक साथ पीयू लाइब्रेरी में पढ़ सकते हैं। एसएफएस छात्र नेता संदीप का आरोप है कि चंडीगढ प्रशासन की ओर से लाइब्रेरी खोलने की अनुमति के बाद भी पीयू प्रशासन मनमानी कर रहा है। पूरे मामले में पीयू के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

28 जून से पीयू सेमेस्टर परीक्षा

पंजाब यूनिवर्सिटी ने सेमेस्टर परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया है। 28 जून से समेस्टर परीक्षा शुरू होने जा रही हैं, जबकि प्रैक्टिकल 15 जून से शुरु हो गए हैं। स्टूडेंट्स का आरोप है कि कोरोना महामारी के कारण पहले ही हमारी पढ़ाई का काफी नुकसान हो चुका है। लेकिन पीयू प्रशासन स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी के प्रयोग की अनुमति नहीं दे रहा है। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में फिलहाल पीयू प्रशासन की ओर से सिर्फ कुछ रिसर्च स्काॅलर को ही हाॅस्टल अलाटमेंट की अनुमति दी गई है। एमए लेवल पर स्टूडेंट्स को हाॅस्टल अलाॅटमेंट नहीं किया गया है। एेसे में पीयू प्रशासन सिर्फ हाॅस्टलर को ही लाइब्रेरी के प्रयोग की छूट दे रहा है।

एक महीने तक बंद रही लाइब्रेरी

पंजाब यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी पूरे साल स्टूडेंट्स से खचाखच भरी रहती है। विभिन्न कक्षाओं के स्टूडेंट्स के अलावा सिविल सर्विसेस और दूसरे कंपीटेटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स की यह फेवरेट जगह है। बीते एक महीने पहले कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण लाइब्रेरी को बंद कर दिया गया था। लेकिन 10 जून से यूटी प्रशासन के निर्देशों के बाद फिर से लाइब्रेरी को खोल दिया गया। पीयू लाइब्रेरी का आउटर रीडिंग हाल तो लगभग पूरे साल 24 घंटे खुला रहता हैं। 300 से अधिक स्टूडेंट्स एक समय में यहां पर एक साथ बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं।

लाइब्रेरी खोलने को लेकर महीने भर तक संघर्ष करना पड़ा है। पीयू प्रशासन द्वारा लाइब्रेरी तो खोल दी गई, लेकिन बहुत ही कम स्टूडेंट्स को एंट्री मिल रही है। खाली लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स को क्यों नहीं आने दिया जा रहा। पीयू प्रशासन द्वारा लाइब्रेरी के अंदर और बाहर पुलिस और भारी सिक्योरिटी लगातार माहौल को तनावपूर्ण बनाया जा रहा है। ऐसे माहौल में स्टूडेंट्स किस तरह परीक्षा की तैयारी करेंगे।

संदीप, छात्र नेता एसएफएस, रिसर्च स्काॅलर पंजाब यूनिवर्सिटी।

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