CoronaVirus: पंजाब में पाजिटिव केसों की कांटेक्ट ट्रेसिंग ने बढ़ाई मुश्किलें, टीचरों की लेगी मदद सरकार

CoronaVirus पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पाजिटिव केसों के कांटेक्‍ट की टेसिंग बड़ी चुनौती बन गई है। कोरोना पाजिटिव केसों की कांटेक्‍ट ट्रेसिंग ने मुश्किलें बढ़ा दी है। अब पंजाब सरकार ने इसके लिए शिक्षकों की मदद लेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:57 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:57 AM (IST)
CoronaVirus: पंजाब में पाजिटिव केसों की कांटेक्ट ट्रेसिंग ने बढ़ाई मुश्किलें, टीचरों की लेगी मदद सरकार
पंजाब में कोरोना के पाजिटिव केसों की कांटेक्‍ट ट्रेसिंग बड़ी चुनौती बन गई है। (सांकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। कोरोना वयरस के पाजिटिव मरीजों के संपर्कों में आने वालों को ट्रेस कर पाना स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भी हैं जोकि अपने कांटेक्ट की सही जानकारी शेयर नहीं कर रहे है। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह ने स्वास्थ्य विभाग को पाजिटिव मरीज के 30 कांटेक्ट को ट्रेस करने का टारगेट दिया है लेकिन विभाग 17 से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसे देखते हुए अब सरकार ने टीचरों को कांटेक्ट ट्रे¨सग के लिए लगाने का फैसला किया है।

ढूंढ़ने हैं 30 कांटेक्ट, 17 से आगे नहीं बढ़ पा रहे, अब शिक्षकों की ली जाएगी मदद

स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी हुसन लाल का कहना है, वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग तो तीन बड़ी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है। पहला कांटेक्ट ट्रेसिंग, दूसरा लक्षण होने के बावजूद लोग टेस्ट करवाने से कतरा रहे हैं और तीसरा सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूके वायरस पुराने वायरस के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैलता है।

उन्‍होंने कहा कि अगर एक जिले में 500 पाजिटिव मरीज आए तो उसके 20 कांटेक्ट को ही ढूंढ़ने का मतलब है 10,000 लोगों को ढूंढ़ना और यह क्रम कई बार गुणात्मक रूप से बढ़ जाता है। यह काम तब और मुश्किल हो जाता है जब मरीज सही जानकारी न दे। यही नहीं मरीज स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे फोन को भी अटेंड नहीं करते है। वहीं, कई लोग तो मोबाइल नंबर ही गलत बता रहे हैं। ऐसे में मरीज के संपर्क को ट्रेस कर पाना आसान नहीं है।

हुसन लाल बताते हैं, अभी भी बहुत से मरीज वायरस के लक्षण होने के बावजूद टेस्ट नहीं करवा रहे है। चूंकि लक्षण वाले मरीज टेस्ट करवाते नहीं है और अन्य लोगों के संपर्क में आते है। इससे मरीजों में गुणात्मक वृद्धि हो जाती है।

वहीं, स्वास्थ्य विभाग की मांग पर मुख्य सचिव विनी महाजन ने शिक्षकों को पाजिटिव केसों के कांटेक्ट को ढूंढ़ने में सहयोग लेने की मंजूरी दे दी है। हालांकि यह डिप्टी कमिश्नर के स्तर पर देखा जाएगा कि वह शिक्षकों से कैसे काम लेते हैं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की योजना है कि पाजिटिव केस आने पर मरीज के नाम व कांटेक्ट नंबर शिक्षकों को मुहैया करवा दिया जाएगा। उसके बाद शिक्षक उनके कांटेक्ट ट्रेस करेंगे।

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