मोबाइल की पूरी पेमेंट करने के बाद भी बैंक ने पैसों को लेकर किया परेशान, अब देना होगा हर्जाना

कंज्यूमर कमीशन ने उक्त बैंक की आेर से शिकायतकर्ता को एनओसी देने का आदेश दिया है। साथ ही इस दौरान शिकायतकर्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए 2100 रुपये मुआवजा और पांच हजार रुपये केस खर्च के रूप में देने के लिए कहा है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 11:32 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 11:32 AM (IST)
मोबाइल की पूरी पेमेंट करने के बाद भी बैंक ने पैसों को लेकर किया परेशान, अब देना होगा हर्जाना
सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने के लिए उक्त बैंक की आेर से कोई पेश नहीं हुआ।

चंडीगढ़, जेएनएन। मोबाइल खरीदने के लिए बैंक से लिया गया लोन पूरा भरने के बावजूद बैंक की ओर से 6372 रुपये बकाया दिखाना और एनओसी न देना आइडीएफसी फर्स्ट बैंक को महंगा पड़ गया। मामले की सुनवाई करते हुए कंज्यूमर कमीशन ने उक्त बैंक की आेर से शिकायतकर्ता को एनओसी देने का आदेश दिया है। साथ ही इस दौरान शिकायतकर्ता को हुई मानसिक परेशानी के लिए 2100 रुपये मुआवजा और पांच हजार रुपये केस खर्च के रूप में देने के लिए कहा है।

हल्लोमाजरा निवासी बिपिन सिंह ने डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन को दी अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने हल्लोमाजरा स्थित मीना इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान से 19,990 रुपये में मोबाइल खरीदा था। 5230 रुपये डाउन पेमेंट करने के साथ उन्होंने सेक्टर-26 स्थित आइडीएफसी फर्स्ट बैंक से बाकी 13,760 रुपये के लिए किश्ते करवा ली। बैंक ने 2249 रुपये के हिसाब से छह महीने की किश्तें बना दी।

पहली किश्त दो जुलाई को भरी जानी थी। लेकिन बिपिन ने पहली किश्त सात जून को ही भर दी और बाकी पेमेंट भी तय समय से पहले ही बैंक में जमा करवा दी। लेकिन जब वह बैंक से एनओसी लेने के लिए गए तो बैंक ने कहा कि उनका अभी  6372 रुपये बकाया है। पहले वह भरें और फिर एनओसी मिल जाएगी। बिपिन के काफी समझाने के बाद भी कि उन्होंने सारी किश्तें भर दी है आैर अब उनका कोई बकाया नहीं हैं। लेकिन बैंक कर्मी नहीं माने। परेशान होकर बिपिन ने कंज्यूमर कमीशन का दरवाजा खटखटाया। वहीं अपना पक्ष रखने के लिए उक्त बैंक की आेर से जब कोई पेश नहीं हुआ तो कमीशन ने उसे एक्स पार्टी घोषित करते हुए अब यह फैसला सुनाया है।

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