मोहाली में अमरजीत सिंह जीती के मेयर बनते ही दोफाड़ हुई कांग्रेस, अलग-अलग बयान जारी कर रहे नेता
मोहाली नगर निगम में स्वास्थ्य मंत्री के भाई अमरजीत सिंह जीती को मेयर चुने जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में दरार की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पार्टी के कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई है। वहीं पार्टी नेता अलग-अलग बयान भी दे रहे हैं।
मोहाली, [रोहित कुमार]। डेढ़ माह से ज्यादा समय के लंबे इंतजार के बाद मोहाली शहर को सोमवार को नया मेयर मिल ही गया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के भाई अमरजीत सिंह जीती सिद्धू नगर निगम का नया मेयर चुना है। जबकि अमरीक सिंह सोमल सीनियर डिप्टी मेयर व कुलजीत सिंह बेदी डिप्टी मेयर बनाया गया है।
जीती के मेयर चुने जाने के बाद कांग्रेस में दरार पड़ चुकी है। मोहाली नगर निगम में पहली बार उक्त पदों पर ढाई ढाई साल के लिए नियुक्ति की गई है। सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि टीम की कार्यप्रणाली को देखा जाएगा। जो टीम में बेहतर काम करेंगे उन्हें अगले आने वाले ढ़ाई साल के लिए मौका दिया जाएगा।
उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर ऋषभ जैन व उनकी पत्नी ने चुनाव प्रक्रिया का बहिष्कार कर दिया। वहीं, आजाद ग्रुप और आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव का बहिष्कार किया है। उक्त दोनों दलों के पार्षदों का कहना है कि मेयर का चुनाव गैर संवैधानिक तरीके से हुआ। मेयर चुनाव व शपथ का समय सुबह 10 बजे था लेकिन पार्षदों के पहुंचने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया शुरू की जा चुकी थी। वहीं विरोधी पार्षदों ने कहा कि मेयर की कुर्सी स्वास्थ्य मंत्री के भाई को मिलने से साफ हो गया है कि कांग्रेस में परिवारवाद कभी खत्म नहीं हो सकता। क्योंकि शहर में अब एक ही परिवार का कब्जा हो गया है।
उधर, सीनियर डिप्टी मेयर ऋषभ जैन व उनकी पत्नी ने कहा कि वे चार बार शहर के पार्षद चुने गए। बावजूद इसके उनका बनता अधिकार उन्हें नहीं मिला। जैन ने कहा कि इस मामले की शिकायत वे हाईकमान से करेंगे। इससे ज्यादा व कुछ नहीं कहना चाहते। अगला कदम क्या होगा इसके बारे में वे जल्द ही शहर के लोंगो को बताएंगे।
विपक्ष दल पार्षदों ने कहा कि ये मेयर जनता का नहीं बल्कि जनता पर थोपा गया है। इस दौरान विरोधी पार्षदों ने जमकर नारेबाजी की गई। चुनाव प्रक्रिया के दौरान डिवीजन कमिश्नर राहुल तिवारी, निगम के मेयर डॉ. कमल गर्ग, सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के अलावा कांग्रेस के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। हालांकि पूरी प्रक्रिया के दौरान सभी पार्षदों को ही अंदर जाने की अनुमति दी गई। कई पार्षद शपथ ग्रहण कर नगर निगम कार्यालय से बाहर आ गए।