Congress Politics: पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर दबाव की तैयारी, एकजुट हुए बाजवा, बिट्टू और तीन मंत्री
Congress Internal Politics पंजाब कांग्रेस में इन दिनों अंदरूनी राजनीति खूब गरमाई हुई है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कुछ नेताओं ने बगावती सुर अपना लिए हैं। इसमें बाजवा बिट्टू सहित कैप्टन की कैबिनेट के तीन मंत्री भी शामिल हैं।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। Congress Internal Politics: कोटकपूरा व बहिबल कलां गोलीकांड को लेकर कांग्रेस का एक वर्ग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ लामबंद होने लगा है। सोमवार को कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और गुरप्रीत कांगड़ सहित राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू के बीच रंधावा के घर पर बैठक हुई। बैठक में बेअदबी कांड और नशे के मुद्दे पर चर्चा हुई।
मंत्रियों और सांसदों की इस बैठक को लेकर कैप्टन खेमे में खासी खलबली मच गई है। बैठक की जानकारी मिलते ही कैप्टन ने अपने सलाहकार भरत इंदर सिंह चाहल को रंधावा को मनाने के लिए दो बार रंधावा के घर पर भेजा, लेकिन बात नहीं बनी। मुख्यमंत्री के खास विधायक राजकुमार वेरका भी वहां पहुंचे। परंतु बात नहीं बनी। देर शाम बताया गया है कि कैप्टन इस लामबंदी को देख मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार मंत्रियों और सांसदों की बैठक में बेअदबी कांड, नशा और कोटकपूरा गोलीकांड तीन मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्रियों ने नशे के मुद्दे पर कहा कि साढ़े चार वर्ष में नशे को खत्म करने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए गए। कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पहले बनाई गई एसआइटी की जांच हाई कोर्ट में खारिज होने से पहले कांग्रेस की जो स्थिति थी उसे दोबारा बहाल करने पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि नशे को लेकर बनी एसटीएफ के प्रमुख रहे हरप्रीत सिद्धू की जांच रिपोर्ट को खुलवाने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
राज्यसभा सदस्य बाजवा ने कोटकपूरा गोलीकांड मामले की जांच एक महीने में पूरी करने की बात कही। बैठक में यह फैसला भी किया गया कि कैप्टन पर इस बात को लेकर दबाव भी बनाया जाए कि एसआइटी टीम को स्थाई रूप से फरीदकोट ही भेज दिया जाए, क्योंकि अभी तक नई एसआइटी ने जांच शुरू नहीं की है। बैठक में लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी खासे आक्रामक दिखाई दिए।
बिट्टू ने यह तक कह दिया कि अगर गोलीकांड मामले में मुख्यमंत्री इंसाफ नहीं दिला सकते तो उन्हें गृह विभाग किसी अन्य विधायक को दे देना चाहिए। बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि इस मामले में पार्टी हाईकमान को सारी जानकारी दी जाएगी। क्योंकि एसआइटी की रिपोर्ट खारिज होने से राज्य में कांग्रेस का ग्राफ खासा गिर गया है।
कैप्टन ने भी खेला प्रेशर गेम, मंत्रिमंडल में बदलाव संभव
पार्टी सूत्रों के अनुसार अपने खिलाफ हो रही लामबंदी को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू की खाली कैबिनेट सीट को भरा जाएगा। कैप्टन ने मंत्रियों व विधायकों को लेकर इंटेलिजेंस से फाइलें भी मंगवा ली हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कैबिनेट में फेरबदल की सूचना से कुर्सी बचाने के लिए कैबिनेट मंत्री दोबारा कैप्टन की तरफ रुख कर सकते हैं।