चंडीगढ़ में कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, पुलिस ने गवर्नर हाउस जाने से रोका
कांग्रेस प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को किसानों के समर्थन में मांग पत्र सौंपना चाहती है। लेकिन इस रोष प्रदर्शन में शारीरिक दूरी का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पुलिस भी मौके पर मौजूद हैं। जबकि नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मास्क पहनना हुआ है।
चंडीगढ़, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से कृषि विधेयक पास करने पर चंडीगढ़ कांग्रेस ने सोमवार को रोष प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सेक्टर-18 से मार्च करते हुए सेक्टर-7 के चौराहे पर पहुंचे जिन्हें गवर्नर हाउस जाने से रोक लिया गया। यहां पर कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को किसानों के समर्थन में मांग पत्र सौंपना चाहती है। लेकिन इस रोष प्रदर्शन में शारीरिक दूरी का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पुलिस भी मौके पर मौजूद हैं। जबकि नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मास्क पहनना हुआ है।
इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा, पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला, सतीश कैंथ, एचएस लक्की, शीला फूल सिंह, रविंदर कौर गुजराल, हरमेल केसरी, पूर्व सरपंच आनंद सिंह, धर्मवीर, मनोज सिहान सहित पार्टी के सीनियर नेता मौजूद हैं। प्रदर्शन करने के दौरान कार्यकर्ता गवर्नर हाउस की तरफ पैदल जाने के लिए दबाव भी बना रहे हैं जिन्हें पुलिस की ओर से रोका गया है। पुलिस ने यहां पर बेरिकेड्स लगाए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि जो विधेयक पास हुआ है वह किसान विरोधी है। उनका कहना है कि पहले से पूरा देश कोरोना काल में परेशान है और मोदी सरकार अब भी लोगों को निरंतर तंग कर रही है। कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने संसद में किसान विरोधी विधेयकों को पारित करके देश भर में किसानों के अधिकारों को छीन लिया है। छाबड़ा ने कहा कि अगर बिल वास्तव में किसानों के पक्ष में हैं और वे समर्थन के प्रति आश्वस्त हैं, तो संसद में इस मुद्दे पर मतदान की अनुमति क्यों नहीं थी। एनडीए के घटक दल क्यों इसके खिलाफ है। छाबड़ा ने कहा कि इस बिल में छोटे और मझोले किसानों को बड़े कारपोरेटों द्वारा शोषण का भारी जोखिम डालते हैं, लेकिन सिर्फ अपने ही पूंजीपति दोस्तों को फायदा पहुचाने करने के लिए बीजेपी ने जल्दबाजी में इन्हें पारित कर दिया है। बिल और विपक्ष की वैध मांगों के अनुसार संसद में खुले मतदान की अनुमति भी नहीं दी।
इसके अलावा, प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि पूरे देश में किसान नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार के खिलाफ हैं। कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल के रूप में हमेशा किसानों के साथ मजबूती के साथ संसद से लेकर सड़कों पर उनकी आवाज बनकर खड़ी है। पहले अर्थव्यवस्था को खत्म किया, फिर युवाओं का रोजगार छीना अब किसानों को पूंजीपतियों के मोहताज करने की साजिश रची जा रही है। चंडीगढ़ कांग्रेस ने किसानों के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि वे छोटे और मध्यम किसानों को बड़े कॉरपोरेट द्वारा शोषण करने व उनकी कठपुतली नही बनने देंगे ओर डट कर किसानों के साथ खड़े रहेंगे।