सीवरेज सेस मुद्दे पर चंडीगढ़ भाजपा को घेरेगी कांग्रेस, बबला बोले- निगम चुनाव जीते तो पुराने रेट करेंगे लागू

शहर में पानी बिल में 30 फीसद सीवरेज सेस लगाने के मामले के विरोध करने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने रविवार को मेयर रविकांत शर्मा को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कई आरोप लगाए हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 04:54 PM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 04:54 PM (IST)
सीवरेज सेस मुद्दे पर चंडीगढ़ भाजपा को घेरेगी कांग्रेस, बबला बोले- निगम चुनाव जीते तो पुराने रेट करेंगे लागू
कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में पानी बिल में 30 फीसद सीवरेज सेस लगाने के मामले के विरोध करने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने रविवार को मेयर रविकांत शर्मा को पत्र लिखा है। बबला ने कहा कि साल 2016 के नगर निगम चुनाव में शहरवासियों ने भाजपा पर भरोसा दिखाकर सत्ता में लाया था, लेकिन भाजपा ने लोगों के साथ विश्वासघात किया है। भाजपा शासित नगर निगम ने शहरवासियों पर कोई भी ऐसा टैक्स नहीं छोड़ा जो न लगाया गया हो।

बबला ने कहा कि नगर निगम सदन की बैठक में भाजपा मेयर और पार्षद पानी के रेट बढ़ाने का ऐजेंडा लाए थे तभी भी कांग्रेस पार्षदों ने इसका विरोध किया था। कांग्रेस पार्षदों ने कहा था कि भाजपा खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है और चंडीगढ की जनता पर एक ऐसा बोझ डाला जा रहा है जो बरदास्त से बाहर होगा। तब कांग्रेस के सभी पार्षदों सदन की बैठक से वॉकआउट भी किया था।

बबला ने मेयर को चेतावनी दी है कि अगली सदन की बैठक में पुराने सीवरेज सेस को लागू करवाया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस सदन को नहीं चलने देगी। मेयर अब शहरवासियों को ज्यादा देर बेवकूफ नहीं बना सकते। भाजपा पार्षद पानी के रेट कम करने के लिए नहीं माने और शहरवासियों को परेशान करने के लिए पानी के बिल बढ़ा दिए गए। जब चंडीगढ़ वासियों के बिल तीन गुना बढ़कर और सीवरेज 30 फीसद बढ़कर आया तो शहरवासियों और कांग्रेस ने इसका विरोध किया, जिसके बाद प्रशासक ने बढ़े हुए पानी के बिल पर अगले साल मार्च तक रोक लगा दी। लेकिन सीवरेज सेस अभी भी 30 फीसद है जो कि काफी ज्यादा है।

बबला ने पत्र में कहा है कि 15 साल कांग्रेस के कार्यकाल में शहर में पानी के बिल नहीं बढ़ाए गए और न ही टैक्स लगाए गए। कांग्रेस के राज मे कोई टैक्स नहीं लगा न कोई बिजली पानी के दाम बढ़े। आने वाले नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का मेयर बनने के बाद पुराने पानी के बिल लागू किए जाएंगे जो कांग्रेस के कार्यकाल में थे। कांग्रेस ने भाजपा और प्रशासन को धरने लगाकर भाजपा पार्षदों के घरों का घेराव करके इतना मजबूर कर दिया कि पानी के रेट पर अगले साल तक अस्थायी रोक लगानी पड़ी लेकिन यह कोई स्थायी हल नहीं हैं। अभी भी यह जो रोक मार्च 2022 तक लगाई है वो भाजपा की राजनीति का एक हिस्सा है, कि अगर भाजपा जीत गई तो फिर पानी के रेट बढ़ा देंगे।

chat bot
आपका साथी