Punjab Congress Crisis: नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर सस्‍पेंस बढ़ा, हाईकमान ज्‍यादा इंतजार के मूड में नहीं

Punjab Congress Crisis कांग्रेस हाईकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे को एक हफ्ते के लिए होल्ड पर रख दिया है। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान सिद्धू इस्तीफा वापस नहीं लेते तो नए पार्टी प्रधान की तलाश की जाएगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 08:25 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 02:01 PM (IST)
Punjab Congress Crisis: नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर सस्‍पेंस बढ़ा, हाईकमान ज्‍यादा इंतजार के मूड में नहीं
नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो ।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। Punjab Congress Crisis: पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रधान पद नवजोत सिंह सिद्धू के इस्‍तीफे पर सस्‍पेंस बढ़ गया है। कांग्रेस हाईकमान अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाया है, लेकिन अब इस मामले में ज्‍यादा इंतजार के मूड में नहीं है। वैसे, पार्टी ने सिद्धू के इस्तीफे को होल्ड पर रख दिया है। पार्टी की तरफ से सिद्धू को मनाने के प्रयास अभी तक विफल साबित हुए हैं। इसे देखते हुए पार्टी की तरफ से सिद्धू को मनाने के अब कोई ठोस प्रयास भी नहीं किए जा रहे हैं। हालांकि पार्टी ने आब्जर्वर हरीश चौधरी को चंडीगढ़ में ही बैठा रखा है। माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी लंबे समय तक सिद्धू के इस्तीफा वापस लेने का इंतजार नहीं करने वाली है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि वर्तमान के राजनीतिक हलातों में पार्टी लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकती है। चूंकि सिद्धू ने पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा दिया है, इसलिए अंतिम फैसला उन्होंने ही लेना है, लेकिन सिद्धू अगर एक सप्ताह तक अपना इस्तीफा नहीं लेते हैं तो पार्टी को अंतिम निर्णय लेकर नए प्रधान को तलाश शुरू करनी होगी।

पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और आब्जर्वर हरीश चौधरी ने भी पार्टी हाईकमान को बता दिया है कि सिद्धू की मांग जायज नहीं है, क्योंकि संगठन में रहकर इस तरह की जिद नहीं की जा सकती। वह भी तब जब आप प्रदेश प्रधान की कुर्सी पर हों। सरकार को अपना काम करना है और संगठन को अपना। यही कारण है कि हाईकमान ने अभी तक हरीश रावत को चंडीगढ़ नहीं भेजा है, जबकि पूर्व में सिद्धू जब भी असहज होते थे तो हरीश रावत उत्तराखंड से चंडीगढ़ पहुंचने में देर नहीं लगाते थे, लेकिन सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद एक बार भी रावत ने चंडीगढ़ का दौरा नहीं किया।

पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि अगर सिद्धू के दबाव में पार्टी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदलने का दबाव बनाती है तो इससे लोगों में संदेश अच्छा नहीं जाएगा और पार्टी ने जो एससी मुख्यमंत्री का कार्ड खेला है, उसका असर भी कम हो जाएगा। क्योंकि फिर यह संकेत जाएगा कि पार्टी ने एक डमी मुख्यमंत्री को बनाया है और असली पावर सिद्धू के हाथ में है। इससे सरकार कमजोर होगी। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी ने सारा दारोमदार सिद्धू पर ही छोड़ दिया है। अगर वह अपना इस्तीफा वापस लेते है तो पार्टी इसका स्वागत करेगी लेकिन अगर वह वापस नहीं लेते तो कांग्रेस नए प्रधान की तलाश को शुरू कर दी देगी।

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