नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका, पंजाब में पार्टी संगठन में भी नहीं होगी एंट्री

Navjot Singh Sidhu पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस ने बड़ा झटका दिया है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में वापसी की उम्‍मीद नहीं होने के बाद अब उनकी पंजाब कांग्रेस के संगठन में भी एंट्री नहीं होगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 08:29 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:13 AM (IST)
नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका, पंजाब में पार्टी संगठन में भी नहीं होगी एंट्री
पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस में एक और झटका मिला है। राज्‍य में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार में दोबारा शामिल किए जाने की उम्‍मीद लगभग समाप्‍त हाे जाने के बाद अब पार्टी संगठन में भी उनको एंट्री नहीं मिलेगी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के छह माह के प्रयासों के बावजूद पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब कांग्रेस में एंट्री की संभावना लगभग खत्म हो गई है।

प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के लिए हलचल शुरू, 15 माह बाद कांग्रेस में हाईकमान ने दिए संकेत

कांग्रेस हाईकमान ने 15 माह से पंजाब में भंग पड़ी कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश प्रधान को लेकर स्थिति भी स्पष्ट होने लगी है कि अब पंजाब में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। क्योंकि अभी तक सिद्धू प्रदेश प्रधान बनने को लेकर अड़े हुए थे। इसी कारण पार्टी हाई कमान ने पंजाब में पार्टी का गठन नहीं किया था।

पूर्व प्रभारी आशा कुमारी के समय में भेजी गई लिस्ट में ही होगी कांट-छांट

पार्टी हाईकमान ने अब जून 2020 में पूर्व प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी की ओर से भेजी गई लिस्ट में ही कांट-छांट कर नई कार्यकारिणी के गठन का फैसला किया है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि 2022 के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने संगठन के कील-कांटे कसना शुरू कर दिए थे, लेकिन पंजाब में जनवरी 2020 से ही पार्टी का संगठनात्मक ढांचा भंग पड़ा था।

प्रदेश की कमान हालांकि सुनील जाखड़ के पास ही थी। जाखड़ भी अपनी प्रधानगी को लेकर आश्वस्त नहीं थे, क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू लगातार पार्टी हाईकमान पर प्रदेश की कमान उन्हें सौंपने को लेकर दबाव बना रहे थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और पूर्व प्रभारी आशा कुमारी भी इसके लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि पार्टी के दो प्रमुख पदों पर जट्ट सिख को बैठाने से पार्टी को नुकसान हो सकता था। मुख्यमंत्री व नवजोत ¨सह सिद्धू जट्ट सिख हैं। दोनों का पटियाला से संबंध है। सिद्धू के पास संगठन को चलाने का अनुभव नहीं है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से मना करने के बावजूद पार्टी हाईकमान ने सिद्धू को पार्टी में एडजस्ट करने की संभावनाएं तलाशने का प्रयास किया था। इसके लिए महासचिव हरीश रावत को प्रदेश प्रभारी बनाकर भेजा गया। रावत ने इसके लिए मुख्यमंत्री से कई बैठकें तो की, लेकिन परिणाम शून्य ही निकला। मुख्यमंत्री सिद्धू को कैबिनेट में लेने के लिए तो तैयार थे, लेकिन प्रदेश की कमान सौंपने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हुआ।

प्रशांत किशोर ने उठाया मुद्दा

पंजाब में संगठनात्मक ढांचा नहीं होने का मुद्दा मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी उठाया था। इसके बाद अब पार्टी हाईकमान में हलचल शुरू हो गई है। इसके लिए पार्टी ने उसी लिस्ट को तरजीह दी है, जिसे पूर्व प्रभारी आशा कुमारी ने मुख्यमंत्री और प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ की सलाह के बाद भेजा था।

माना जा रहा है कि चूंकि अब प्रदेश प्रधान को बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है, इसलिए पुरानी लिस्ट में ही कांट-छांट कर इसे जारी किया जाएगा। हरीश रावत इन दिनों बीमार चल रहे हैं। इसलिए हाईकमान ने अपने स्तर पर संगठनात्मक ढांचा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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