पंजाब में दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के फैसले के समर्थन में उतरे 9 मंत्री व 4 सांसद

Punjab Congress Politics पंजाब में कांग्रेस दो धड़ों में बंटी दिखाई दे रही है। विधायकों के बेटों को नौकरी देने के मामले में कई नेता कैप्टन के विरोध में हैं जबकि गत दिवस नौ मंत्री व चार सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह के पक्ष में उतर आए।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:48 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:22 AM (IST)
पंजाब में दो धड़ों में बंटी कांग्रेस, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के फैसले के समर्थन में उतरे 9 मंत्री व 4 सांसद
पंजाब में दो धड़ों में बंटी कांग्रेस। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। Punjab Congress Politics: पंजाब सरकार के नौ मंत्रियों, चार सांसदों और पांच विधायकों ने कैबिनेट की ओर से दो विधायकों के बेटों को अनुकंपा के आधार पर दी गई नौकरी के फैसले को सही ठहराया है। गत दिवस यह सभी नेता सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थन में उतर आए। इन नेताओं ने अपनी पार्टी के उन नेताओं को नसीहत भी दी है कि उन्हें ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए, जिससे पार्टी को नुकसान हो।

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान से लेकर पांच मंत्रियों और कुछ विधायकों की ओर से इस फैसले का विरोध करने के बाद इन नेताओं के कैबिनेट के फैसले का समर्थन करने से पंजाब कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई है। विधायकों फतेहजंग सिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को दी गई नौकरी को लेकर कांग्रेस में पावर गेम शुरू हो गई है।

कैबिनेट के फैसले के समर्थन में आए मंत्रियों में राणा गुरमीत सिंह सोढी, साधू सिंह धर्मसोत, विजय इंदर सिंगला, अरुणा चौधरी, सुंदर शाम अरोड़ा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, बलबीर सिंह सिद्धू, ओपी सोनी व भारत भूषण आशु के अलावा सांसदों गुरजीत सिंह औजला, रवनीत सिंह बिट्टू, जसबीर सिंह डिंपा व मोहम्मद सदीक शामिल हैं, जबकि पांच विधायकों कुलदीप सिंह वैध, बलविंदर सिंह लाडी, संतोख सिंह भलाईपुर, बलविंदर सिंह धालीवाल और सतकार कौर ने भी कैबिनेट के फैसले को सही ठहराया है।

वहीं, मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने भी कैबिनेट के फैसले का समर्थन किया है। फैसले का समर्थन कर रहे मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने घर-घर रोजगार और कारोबार मिशन पर सबसे अधिक ध्यान दिया है। जिसके तहत 17.60 लाख बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया गया है। वहीं विभिन्न विभागों में एक लाख अतिरिक्त पद भरने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। सरकार ने गंभीर और दुखदायी हालातों का सामना करने वाले विभिन्न श्रेणियों के लोगों को ध्यान में रखते हुए नौकरियां दी हैं।

इन नेताओं ने कहा कि आतंकवाद प्रभावित परिवारों के अलावा दिव्यांग, 1984 दंगा पीड़ित परिवारों के सदस्यों और शहीद सैनिकों व मृतक सरकारी कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को नौकरियां देने के साथ ही वित्तीय सहायता दी गई है। वर्तमान समय में पंजाब के आइएएस कैडर में पांच ऐसे अधिकारी हैं जिनकी नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर ही हुई थी।

कर और आबकारी विभाग में ही इसी आधार पर 108 लोगों को नौकरी दी गई। छह आतंकवाद पीड़ितों की बतौर नायब तहसीलदार के तौर पर नियुक्ति की गई। ऐसे में इन दोनों विधायकों के साथ भेदभाव जायज नहीं है। इस फैसले की आलोचना करने वाले यह भी भूल गए कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बेअंत सिंह के पोते को भी अनुकंपा के आधार पर डीएसपी लगाया गया था।

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