कांग्रेस की कार्यकारिणी में पद लेने पर अड़ा वाल्मीकि समाज, टला गठन

कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की नई टीम का गठन जल्द होने वाला है। इस सप्ताह के अंत तक कभी भी कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की घोषणा कर दी जाएगी। इसके तहत प्रदेश उपाध्यक्ष महासचिव सचिव सगठन सचिव कैशियर के अलावा कार्यकारिणी सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:27 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:27 AM (IST)
कांग्रेस की कार्यकारिणी में पद लेने पर अड़ा वाल्मीकि समाज, टला गठन
कांग्रेस की कार्यकारिणी में पद लेने पर अड़ा वाल्मीकि समाज, टला गठन

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी की नई टीम का गठन कुछ दिनों के लिए और टल गया है। वजह यह है कि कार्यकारिणी में वाल्मीकि समाज की ओर से पद दिए जाने का दबाव बनाया गया है। ऐसे में पार्टी के नेता इस दुविधा में हैं कि कार्यकारिणी में अब किन चेहरों को जगह दी जाए। कार्यकारिणी का गठन बुधवार तक होना तय था, लेकिन जिलाध्यक्षों की नाम की घोषणा के बाद वाल्मीकि समाज के नेताओं की नाराजगी खुल कर सामने आई। इसी वजह से कार्यकारिणी के गठन का निर्णय कुछ दिन के लिए टालना पड़ा है।

कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, सगठन सचिव, कैशियर के अलावा कार्यकारिणी सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। पार्टी प्रभारी हरीश रावत और सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद ही इनकी घोषणा कर होगी।

हाल ही में कांग्रेस ने पांच नए जिला अध्यक्षों की घोषणा की है। इस साल होने वाले नगर निगम चुनाव में जीत दिलवाने की जिम्मेवारी इस नई चुनी गई टीम के कंधों पर होगी। सूत्रों का कहना है कि जो कार्यकारिणी गठन हो रही है उसमे 70 फीसद चेहरे पुराने ही शमिल होने की संभावना है, जो पहले भी प्रदेश कार्यकारिणी के कभी न कभी पदाधिकारी रहे हैं। इसके साथ ही वाल्मीकि समाज के नेताओं ने प्रदेश कार्यकारिणी में जगह पाने के लिए दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। जिलाध्यक्ष की घोषणा के बाद से पार्टी से जुड़े कई वाल्मीकि समाज के नेताओं ने मोर्चा खोला हुआ है। प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की संभावनाओं को देखते हुए कई नेताओं ने पार्टी हाईकमान में भी लाबिग शुरू कर दी है। प्रदेश कार्यकारिणी में अधिकतर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल के ही करीबी शामिल हो रहे हैं। चार माह पहले ही सुभाष चावला चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं। इसके बाद से अलग अलग मुद्दों पर भाजपा को घेरने का अभियान ज्यादा तेज हुआ है। प्रदेश कार्यकारिणी का गठन पिछले डेढ़ साल से नहीं हो रहा है। सुभाष चावला के अध्यक्ष बनने के बाद से ही पुरानी कार्यकारिणी भंग है इसके बावजूद कई नेता अभी भी अपने आप को प्रशासन और नगर निगम को किए गए पत्राचार में पदाधिकारी लिख रहे हैं। दिसंबर में होने वाले निगम चुनाव के लिए नए पदाधिकारियों की तय होगी जिम्मेदारी

नई कार्यकारिणी के गठन के बाद सभी नेता दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव के लिए जुट जाएंगे। इस बार वार्ड की संख्या भी 26 से बढ़कर 35 हो गई है। पिछले पांच साल से नगर निगम में भाजपा का ही मेयर बनता आया है। भाजपा ने नगर निगम चुनाव के लिए अभी से ताकत झोंक दी है।

वाल्मीकि समाज के नेताओं को कार्यकारिणी में शामिल करने का बढ़ा दबाव

प्रदेश कार्यकारिणी में आठ उपाध्यक्ष, आठ महासचिव के अलावा 15 से 20 सचिव बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही आठ सगठन सचिव भी नियुक्त किए जा रहे हैं। एक कैशियर भी नियुक्त किया जाएगा। वहीं एक दर्जन कार्यकारिणी सदस्य बनाए जा सकते हैं। प्रदेश कार्यकारिणी में वाल्मीकि समाज के नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है। एक महिला को उपाध्यक्ष और एक महिला को महासचिव बनाया जाने की संभावना है।

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