Chandigarh MC House Meeting: बैठक शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा के पार्षद उलझे, हंगामा

चंडीगढ़ नगर निगम सदन की बैठक में कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर एक-दूसरे पर आरोप लगाए। कांग्रेस पार्षदों ने सेक्टर-23 बूथ मार्केट की दुकानों का किराया बढ़ाने और पानी के रेट बढ़ाने के मुद्दों पर हंगामा किया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 02:44 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:32 PM (IST)
Chandigarh MC House Meeting: बैठक शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा के पार्षद उलझे, हंगामा
चंडीगढ़ नगर निगम सदन की सात महीने बाद फिजिकल बैठक हो रही है। (जागरण)

चंडीगढ़, जेएनएन। वीरवार को सात महीने बाद बुलाई गई चंडीगढ़ निगम सदन की बैठक की शुरुआत में ही कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में उलझ पड़े। दोनों दलों के पार्षदों ने सेक्टर-23 बूथ मार्केट की दुकानों का किराया हजारों गुना बढ़ाने के मुद्दे पर शोर-शराबा किया। कांग्रेस ने मेयर राजबाला मलिक से इस्तीफा मांगा तो हंगामा शुरू हो गया। पलटवार करते हुए भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों से अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है।

कांग्रेस पार्षद दविंदर सिंह बबला ने किराया बढ़ाने को नजायज बताया। उन्होंने कहा कि बिना सदन की मंजूरी के किस तरह किराया बढ़ाने के नोटिस जारी कर दिए गए जबकि फैसला वित्त एवं अनुबंध कमेटी ने लिया था। इसे लेकर मिनट्स भी पास नहीं करवाए गए थे। इस पर भाजपा पार्षदों ने कहा कि किराया कम करने का प्रस्ताव सदन की बैठक में लाया जा रहा है। भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने कहा कि भाजपा गरीबों के साथ होने का दावा करती है। असल में वह गरीबों के खिलाफ काम कर रही है। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि जब किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया था तो सबसे पहले उनकी पार्टी के नेताओं ने ही इसके खिलाफ बयान जारी किया था। उस समय कांग्रेस नेता चुप थे। मालूम हो कि दो माह पहले अनुबध कमेटी ने सेक्टर-23 के बूथों का किराया 14 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया था। इस पर जमकर राजनीति हो रही है।

सदन की बैठक में कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने शुरू हो कर दिए। कांग्रेस पार्षदों ने बढ़े हुए पानी के रेट का भी मामला उठाया। बबला ने कहा कि पिछली बैठक में वह इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन भाजपा के पार्षद खुद ही बैठक के लिए नहीं आए। इस कारण बैठक स्थगित हो गई थी।

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