चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी में टकराव जारी, नेता छोड़ रहे पार्टी का वाट्सएप ग्रुप, भाजपा में गुटबाजी हावी

चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी में नेताओं के बीच टकराव जारी है। पार्टी का अध्यक्ष बदलने के बाद भी यही स्थिति है जो पहले थी। हाल ही में पार्टी के वाट्सएप ग्रुप में नेताओं के बीच टकराव हो गया और एक नेता ने ग्रुप ही लेफ्ट कर दिया।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:34 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 01:48 PM (IST)
चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी में टकराव जारी, नेता छोड़ रहे पार्टी का वाट्सएप ग्रुप, भाजपा में गुटबाजी हावी
चंडीगढ़ के दो बड़े दलों भाजपा और कांग्रेस में उठापठक चल रही है।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बदल गया है, लेकिन नेताओं में आपसी टकराव जारी है। सुभाष चावला के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी का एक आफिशियल ग्रुप बनाया गया। इस वाट्एप ग्रुप में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल सहित 167 नेता जुड़े हुए हैं। शनिवार रात को ग्रुप में विवाद इतना बढ़ गया है कि कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला इस ग्रुप को छोड़ गए। जबकि बबला का प्रदीप छाबड़ा के अध्यक्ष रहते हुए भी टकराव रहता था।

इस बार विवाद का कारण यह बताया जा रहा है कि पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एचएस लक्की ने शनिवार शाम को एक मैसेज ग्रुप में लिखा कि कोरोना के समय हो रही अव्यवस्था पर सभी एक स्पीकअप वीडियो बनाकर भेजें। जिन नेताओं को वीडियो भेजने के लिए कहा गया था उसमे देवेंद्र सिंह बबला का भी नाम शामिल था। सूत्रों का कहना है कि यह बात कई नेताओं को हजम नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अभी कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है ऐसे में बबला का नाम वीडियो भेजने वाली सूची में क्यों डाला गया। उसके बाद फिर से एक और मैसेज लक्की की ओर से डाला गया जिसमें सिर्फ साहिल दूबे को वीडियो भेजने के लिए दिया गया। इसके बाद बबला ने ग्रुप लेफ्ट कर दिया।

महामारी में भी गुटबाजी हावी

हाल ही में चंडीगढ़ भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले के विरोध में पहली बार वर्चुअल प्रदर्शन किया। भाजपा की ओर से इस महामारी के दौर में शहर में नए नए राहत कार्यों किए जा रहे हैं। लेकिन गुटबाजी भी हावी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब इस प्रदर्शन का प्रेस नोट जारी किया गया तो वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद सत्यपाल जैन का नाम सबसे लास्ट में लिखा गया था, जबकि उनसे जूनियर नेताओं के नाम उनसे पहले लिखा गया। असल में जैन का टंडन और पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद के साथ छत्तीस का आकड़ा है। ऐसे में वह एक-दूसरे को कभी भी आगे नहीं बढ़ना देना चाहते। पार्टी पर सूद और टंडन का कब्जा है लेकिन इसके बावजूद पूर्व सांसद सत्यपाल जैन शहर में सक्रिय रहते हैं। विरोधी गुट की ओर से तो यह प्रयास किया जाता है कि सत्यपाल जैन पार्टी कार्यक्रम में भी नहीं आए। लेकिन कार्यकर्ता गपशप करते हुए कहते हैं कि अगर यह इकट्ठे हो जाएं तो क्या बात है। लेकिन सच बात तो यह है कि इस गुटबाजी को तो हाईकमान भी खत्म नहीं कर पाई है।

कांग्रेस की सेवा में निकालो खामी

कांग्रेस की ओर से कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल छोड़ने के लिए एंबुलेंस सर्विस शुरू की गई है। इस कार्य की कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी प्रंशसा की है। इस सेवा की कांग्रेस की भी शहर में वाहावाही हो रही है। ऐसे में कई विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वह किसी तरह से कोई न कोई खामी भी निकालना चाह रहे हैं। ऐसे में वह कभी देर रात हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर देते हैं तो कई बार ऐसे सवाल करने लग जाते हैं कि सामने वाला खुद ही एंबुलेंस भेजने के लिए इंकार कर दे। कभी कहते हैं कि मरीज को मोहाली या जीरकपुर लेकर जाना है। असल में जो दो नंबर जारी किए गए हैं उनमें एक नंबर कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के बेटे सुमित चावला का ही है। वह बातों से ही ऐसे लोगों को भाप लेते हैं। हाल ही में एक विपक्षी दल के एक कार्यकर्ता ने भी फोन किया तो ट्रू कॉलर में उसका नाम आ गया। बस फिर क्या था बातों का दौर चलता रहा और मामला उलझाने का प्रयास जारी रहा लेकिन एंबुलेंस भेजने के नाम पर सामने वाले ने कहा कि अभी थोड़ी देर में बताते हैं।

पुलिस ने जब्त किए केले

हाल ही में चंडीगढ़ पुलिस की एक केले बेचने वाले वेंडर्स पर की गई कार्रवाई सुर्खियों में है। शहरवासियों के लिए चंडीगढ़ियन ग्रुप में इसका वीडियो वायरल हुआ, जिसने भी यह वीडियो देखा उसने चंडीगढ़ पुलिस को जमकर कोसा। एक सिटिजन ने तो वीडियो डालते हुए कहा कि देखिए विजय माल्या से संपति जब्त करते हुए बहादुर अधिकारी। दक्षिणी सेक्टर के इस एरिया में कर्फ्यू के दौरान चार पुलिस वाले साइकिल पर केले बेचने वाले के पास आए और साइकिल के पीछे रखे केले का क्रेट उठा लिया और सरकारी जीप पर डालकर ले गए। क्रेट में मुश्किल से चार से पांच दर्जन केले ही थे। पुलिस वालों की इस कारगुजारी को उसी सोसायटी में रहने वाले ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और वीडियो को वायरल कर दिया। जब्त किए गए केले किस किस के पेट में गए है यह तो वह ही बता सकते हैं। गपशप करते हुए लोग कह रहे हैं कि इस गरीब केले वाले पर कार्रवाई करने का क्या फायदा। अगर इतनी फुर्ती पुलिस वाले गश्त पर बढ़ाए तो शहर में चोरी की वारदातों पर लगाम लग जाए।

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