चंडीगढ़ में रिलीव किए कंप्यूटर टीचर्स को कैट से मिली स्टे, शिक्षा विभाग को कराने होंगे ज्वाइन

विभाग ने सरकारी स्कूलों 15 से 20 सालों से सेवा दे रहे 155 कंप्यूटर टीचर्स को कांट्रेक्टर के चक्कर में रिलीव कर चुका है। रिलिविंग ऑर्डर विभाग की तरफ से एक मौखिक जारी किए थे। इसके बाद टीचर्स ने कैट में केस दायर किया था।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 02:18 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 02:18 PM (IST)
चंडीगढ़ में रिलीव किए कंप्यूटर टीचर्स को कैट से मिली स्टे, शिक्षा विभाग को कराने होंगे ज्वाइन
विभाग द्वारा रिलीव किए टीचर्स ने कैट में विभाग के खिलाफ दो केस दायर किए थे। (File Photo)

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कैट द्वारा शिक्षा विभाग से रिलीव कांट्रेक्टर कंप्यूटर टीचर्स को राहत दी है। बुधवार को कैट ने विभाग द्वारा एक अक्टूबर को रिलीव किए गए टीचर्स को स्टे दे दिया है। उल्लेखनीय है कि विभाग ने सरकारी स्कूलों 15 से 20 सालों से सेवा दे रहे 155 कंप्यूटर टीचर्स को कांट्रेक्टर के चक्कर में रिलीव कर चुका है। रिलिविंग ऑर्डर विभाग की तरफ से एक मौखिक जारी किए थे। जिसके बाद टीचर्स ने कैट में भी केस दायर करने के साथ प्रशासक को भी शिकायत दी थी। इस मामले में श्रम मंत्रालय ने भी आठ अक्टूबर को विभाग से जवाब मांगा था। कैट ने बुधवार को हुई पहली सुनावाई के दौरान ही टीचर्स को काम पर बने रहने के लिए स्टे के ऑर्डर जारी कर दिए है हालांकि ऑनलाइन हियरिंग के चलते अॉर्डर की हार्ड कॉपी अभी प्राप्त नहीं हुई है।

कंटेप्ट का भी टीचर्स ने दायर किया है केस

विभाग द्वारा रिलीव किए टीचर्स ने कैट में विभाग के खिलाफ दो केस दायर किए थे। पहला केस गलत तरीके से काम पर निकालने के लिए था जिसका फैसला बुधवार को मिल गया, जबकि दूसरा केस वर्ष 2013 में कैट द्वारा दिए गए आदेश और विभाग द्वारा कैट को दिए एफिडेविट के मामले में था। जिसकी हियरिंग भी 14 अक्टूबर को हो चुकी है और विभाग को ऑर्डर नहीं मानने के मामले पर 27 अक्टूबर को जवाब मांगा है। वर्ष 2013 में भी कैट ने विभाग को ऑर्डर दिया था कि जब तक रेगुलर टीचर्स की भर्ती नहीं होती, कांट्रेक्ट पर काम करने वाले टीचर्स को रिलीव नहीं किया जा सकता। जिसके जवाब में विभाग ने एफिडेविड देकर स्वीकार किया था कि टीचर्स को रेगुलर भर्ती तक नहीं निकाला जाएगा।

जेम पोर्टल से बदला कांट्रेक्टर, रिश्वत के तौर पर मांगे पैसे

कांट्रेक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों का कांट्रेक्टर हर एक साल बदला जाता है। वर्ष 2018 से कांट्रेक्टर जेम पोर्टल के जरिए नियुक्ति हो रहा है। पोर्टल पर जो भी कांट्रेक्टर सबसे कम बीड डालता है उसे कांट्रेक्ट मिलता है। नियमों के अनुसार कांट्रेक्टर को कर्मचारी के वेतन का 0.01 प्रतिशत मिलता है जो कि वेतन रिलीज हाेने के वक्त दिया जाता है। इसके अलावा कांट्रेक्टर किसी प्रकार के लेन-देन की डिमांड नहीं कर सकता। विभाग के पास जून 2020 में जो कांट्रेक्टर आया उसने टीचर्स से काम पर बने रहने के लिए 15 से 20 हजार रूपये की डिमांड की। जिसके बाद टीचर्स ने विभाग और प्रशासक को शिकायत दी। शिकायत होने के बाद टीचर्स का वेतन रोक दिया गया अौर चार महीनों बाद उनकी सेवाएं विभाग द्वारा खत्म कर दी गई।

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