चंडीगढ़ में टीचर्स ऑनलाइन क्लास शुरू करने से पहले स्टूडेंट्स की रखें पूरी जानकारी, बाहरी व्यक्ति न कर सके एंट्री

चंडीगढ़ में सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-44 ने टीचर्स और अभिभावकों के लिए ऑनलाइन क्लास के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया। इसमें विषय विशेषज्ञ के तौर पर चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राइम विंग से राजेंद्र सिंह सुहाग मौजूद रहे।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:21 PM (IST)
चंडीगढ़ में टीचर्स ऑनलाइन क्लास शुरू करने से पहले स्टूडेंट्स की रखें पूरी जानकारी, बाहरी व्यक्ति न कर सके एंट्री
चचंडीगढ़ में ऑनलाइन क्लास के लिए टीचर्स व अभिभावकों की वर्कशॉप का आयोजन किया गया।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई का तरीका बदल गया है। पहले जो पढ़ाई एक साथ बैठकर क्लास में होती थी उसका वर्तमान में रूप बदलकर सिंगल स्टूडेंट हो गया है। स्टूडेंट्स अपने-अपने घरों में बैठकर स्मार्ट फोन, लैपटॉप या फिर कम्प्यूटर से पढ़ाई कर रहे है। जहां पर स्टूडेंट्स को घर बैठकर पढ़ाई करने का मौका मिला है वहीं पर साइबर क्राइम के भी मामले तेजी से सामने आ रहे है। जिसे देखते हुए सेंट जोसेफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-44 ने टीचर्स और अभिभावकों के लिए ऑनलाइन क्लास के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया। जिसमें विषय विशेषज्ञ के तौर पर चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राइम विंग से राजेंद्र सिंह सुहाग मौजूद रहे। राजेंद्र ने बताया कि ऑनलाइन क्राइम बढ़ने के कई कारण है जिसमें सबसे अहम इंसान की खुद की लापरवाही है। इसके अलावा हम थोड़े में ज्यादा का लालच करते है जिसके चलते हम अपराध में फंस जाते है।  

टीचर्स के पास स्टूडेंट्स की हो जानकारी

राजेंद्र सुहाग ने कहा कि ऑनलाइन क्लास ले रहे टीचर को स्टूडेंट्स से जुड़ी हर जानकारी होनी चाहिए। जिसमें स्टूडेंट्स का नाम, उसका मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस और माता-पिता के नाम की पूरी जानकारी होनी शामिल है। यदि ऑनलाइन क्लास में कभी भी क्लास से बाहर के किसी की प्रार्थना आ रही है उसे टीचर को तुरंत नकार देना चाहिए। ज्यादातर टीचर्स को स्टूडेंट्स की जानकारी नहीं होती और वह अनजाने लिंक को ऑनलाइन क्लास में जोड़ जाते है जिसके बाद परेशानी आती है। वहीं अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स के क्लास की उन्हें भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। स्टूडेंट्स में समझ की कमी होती है जिसके चलते वह एक अनजान व्यक्ति से क्लास का स्टूडेंट्स समझकर बात करना शुरू कर देता है। इसके लिए जरूरी है कि अभिभावकों को क्लास से जुड़ी सभी बातें पता हो और जब भी ऑनलाइन क्लास या फिर मोबाइल, लैपटॉप कम्प्यूटर का इस्तेमाल बच्चे करते है तो उसकी स्क्रीन अभिभावकों की नजरों के सामने हो ताकि वह स्टूडेंट्स को गलत करने से पहले ही रोक सकें।

सुरक्षा सभी के लिए अहम

स्कूल प्रिंसिपल मोनिका चावला ने कहा कि पढ़ाई करनी जरूरी है और उसके लिए हम ऑनलाइन लिंक का ही इस्तेमाल कर रहे है। ऐसे में टीचर्स के साथ अभिभावकों में जागरूकता होनी जरूरी है। हमारी एक ढील किसी भी अपराध को अंजाम दे सकती है। इसलिए हमेशा साइबर क्राइम का ध्यान रखें और सुरक्षित रहें।

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