ट्राईसिटी में क्राइम को रोकने के लिए बनेगा कॉमन कंट्रोल रूम, चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली का होगा एक हेल्पलाइन नंबर
अपराधियों के लिए कोई सीमा नहीं है। वह एक शहर में घटना को अंजाम देकर दूसरे में पहुंच जाते हैं। इससे वह निकलने में कामयाब रहते हैं। लॉ एंड ऑर्डर की ऐसी ही समस्याओं से निपटने के लिए अब पहली बार तीनों शहरों के लिए कॉमन कंट्रोल रूम बनेगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जब चंडीगढ़ की प्लानिंग हुई तो इसके आसपास कोई शहर नहीं था। पेरीफेरी एरिया में कोई ऐसी डेवलपमेंट न हो इसका भी प्रावधान किया गया था। लेकिन बाद में पंजाब का मोहाली और हरियाणा का पंचकूला भी डेवलप हो गया। अब हाल यह है कि तीनों शहर एक दूसरे से कनेक्ट हो चुके हैं। पता ही नहीं चलता कब एक शहर खत्म हुआ और दूसरा शुरू हो गया।
तीनों शहरों के कनेक्ट होने से जहां कई चीज अच्छी हुई वहीं कुछ का नुकसान भी हुआ। चंडीगढ़ सहित तीनों शहरों के प्रशासन अपनी सीमा तक कार्य करने के लिए उत्तरदायी हैं। उनकी जिम्मेदारी भी अपनी ज्यूरिडिक्शन तक है। लेकिन अपराधियों के लिए कोई सीमा नहीं है। वह एक शहर में घटना को अंजाम देकर दूसरे में पहुंच जाते हैं। इससे वह निकलने में कामयाब रहते हैं। लॉ एंड ऑर्डर की ऐसी ही समस्याओं से निपटने के लिए अब पहली बार तीनों शहरों के लिए कॉमन कंट्रोल रूम बनेगा।
कॉमन कंट्रोल रूम से यह फायदा
ट्राईसिटी में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अब कॉमन पुलिस कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जिससे आपराधिक घटना की जानकारी तुरंत तीनों शहरों को मिल जाए। पड़ोसी राज्यों से इस संबंध में बात हो गई है सभी मॉडेलिटी पर भी काम कर लिया गया है। प्रशासन के अधिकारियों ने प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को यह जानकारी दी। अभी तक होता यह है कि अपराधी घटना को अंजाम देकर मोहाली पंचकूला निकल जाते हैं। कई बार जानकारी देरी से ट्रांसफर होने पर अपराधी निकलने में कामयाब हो जाते हैं। इसलिए कॉमन पुलिस कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कई गैंगस्टर ट्राइसिटी में पनाह लिए रहते हैं। पहले कई केस ऐसे सामने आ चुके हैं। चेन स्नेचिंग के मामले भी इसलिए बढ़े हैं।
112 की तरह एक ही एक कंट्रोल रूम
अभी चंडीगढ़ ने कंट्रोल रूम की 112 हेल्पलाइन शुरू की है। इसी की तर्ज पर अब कॉमन कंट्रोल रूम होगा। पूरी ट्राईसिटी के लिए एक ही हेल्पलाइन नंबर होगा। जिस शहर की समस्या होगी होगी उसको जानकारी दे दी जाएगी।