बेहतर भारत बनाने के लिए आओ मिलकर करें मतदान

दोनों ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों को लेकर जागरूक हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 05:05 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 05:05 PM (IST)
बेहतर भारत बनाने के लिए आओ मिलकर करें मतदान
बेहतर भारत बनाने के लिए आओ मिलकर करें मतदान

वीणा तिवारी, चंडीगढ़ : यूथ देश की ताकत हैं, फिर चाहे ग‌र्ल्स हों या ब्वॉय। दोनों ही अपने अधिकारों और कर्तव्यों को लेकर जागरूक हैं। चुनाव सीजन में उनकी जागरूकता साफ नजर आ रही है। कॉलेज हो या वर्किग प्लेस, हर जगह चुनावी चर्चाएं चल रही हैं। इन चर्चाओं में सबसे अहम है सबको वोटिग पावर के बारे में अवेयर करने का मुद्दा। दैनिक जागरण के अभियान मेरा वोट मेरी पहचान से जुड़ने वाली ग‌र्ल्स का कहना है कि वे चाहे तो अपने घर के साथ पूरी सोसायटी को जागरूक कर सकती हैं। बस जरूरत है एक प्रयास की। उनका कहना है कि अगर पढ़े-लिखे लोग वोट नहीं देते, तो उनकी सारी डिग्रियां बेकार हैं। खुद की योग्यता साबित करनी है, तो अपने वोटिग पावर का सही इस्तेमाल करना होगा।

नया दौर है तो बात भी उसके अनुसार ही होनी चाहिए। हम चांद पर घर बनाने की बातें करते हैं, लेकिन वोटिग जैसे मुद्दे पर चुप हो जाते हैं। एक नागरिक के तौर पर हमें अपने वोटिग पावर के प्रति जिम्मेदार और अवेयर होना होगा। बेहतर पाने के लिए एक कदम तो चला होगा।

-शिपालिका गुलेरिया युवा देश की ताकत हैं। हमें अपनी ताकत को समझना होगा। एक-एक वोट बेहद महत्वपूर्ण है। महज एक वोट हमारी सोच की सरकार बनने से रोकने की ताकत रखता है। जहां तक ग‌र्ल्स की बात है, तो हम अपने अधिकार और ड्यूटी दोनों को लेकर बेहद सजग हैं।

-राजविंदर वोटिग वाले दिन को उत्सव की तरह बनाने की बात सालों से की जा रही है, लेकिन हमें अपने आप से यह सवाल पूछना होगा कि क्या हम उस उत्सव में शामिल होते हैं। अगर एक बेहतर नागरिक का दायित्व पूरा करना है, तो हमें खुद भी जागना होगा और सबको जगाना होगा, तभी बात बनेगी।

-नीतू सैनी मैं वोटिग वाले दिन अपने फैमिली के साथ वोट डालने जाऊंगी। मेरा मानना है कि देश के इस उत्सव में हम सभी को अपने परिवार के साथ शामिल होना चाहिए। एक बेहतर की कल्पना करते हैं, तो उसे साकार करने के लिए अपना पूरा सहयोग देना होगा।

-सुखदीप हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, लेकिन सोच अब भी पुरानी ही साथ लिए हुए हैं। वोट देने का क्या फायदा है, जैसे सवाल पूछकर हम अपनी ही योग्यता पर सवाल उठाते हैं। अगर वाकई हम पढ़े-लिखे और सभ्य नागरिक हैं, तो हम सभी को अपने वोटिग पावर का हल हाल में इस्तेमाल करना चाहिए।

-उषा केसरी

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