ठंड में बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द, मोहली फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अनिल अबरोल ने दी ये सलाह
सर्दियां शुरू होते ही लोग अपनी हेल्थ को लेकर जागरूक रहें इसलिए समय- समय पर डॉक्टर्स से परामर्श लेते रहना चाहिए। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर अनिल अबरोल ने ठंड के दिनों में गठिया दर्द से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है।
मोहाली, जेएनएन। ठंड के दिनों में शरीर के पुराने दर्द अकसर पीड़ित लोगों के लिए परेशानी बन जाते हैं। इस मौसम में गठिया (अर्थराइटिस) से पीड़ित लोग जोड़ों के दर्द और जलन से परेशान रहते हैं, जिससे लगातार बैचेनी भी बनी रहती है।
डॉ. अनिल अबरोल, कंसल्टेंट रुमेटोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने ऐसे रोगियों के लिए सर्दियों की देखभाल में एक एडवाजरी जारी की है। उन्होंने कहा है कि इस दर्द के बढ़ने के सबसे प्रमुख कारण मौसम में आना वाला बदलाव है। वायुमंडलीय दबाव में कमी के कारण टिश्यूज में सूजन, सर्दियों में दर्द रिसेप्टर्स की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। इससे पूरे शरीर में रक्त के लगातार प्रवाह में कमी, तेज सर्दी और गतिहीन जीवन शैली के कारण मांसपेशियों में ऐंठन आना आदि गठिया के दर्द के प्रमुख कारण हैं।
डॉ. अबरोल ने कहा, विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार आवश्यकता अनुसार विटामिन डी और कैल्शियम युक्त आहार और पोषक खानपान लेना चाहिए। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने के लिए प्रभावी साबित हुए हैं। वजन बढ़ाने से बचने के लिए आहार की रणनीति का पालन करना चाहिए। नियमित तौर पर व्यायाम करने से जोड़ों को लुब्रिकेटेड बनाए रखने में भी मदद करता है।
उन्होंने कहा कि लगभग 60 साल की उम्र में प्रमुख बदलावों के साथ अकसर लोगों को सबसे आम ऑस्टियोआर्थराइटिस के किसी न किसी रूप का सामना करना पड़ सकता है। 65 साल से ऊपर की लगभग 80 फीसद आबादी ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित है। गठिया के लगभग 2/3 तिहाई मरीज 65 वर्ष से कम उम्र के हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसके मामले अधिक देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि मोटापा और धूम्रपान को गठिया के जोखिम कारकों के रूप में पहचाना गया है। तनाव में लंबे समय तक रहने से शरीर की इम्यून प्रणाली में प्रभावित होती है, जो बीमारी की चपेट में आने का कारण बनता है।