अभिभावकों के साथ कोच का किरादार सबसे महत्वपूर्ण : स्पो‌र्ट्स निदेशक

यूटी खेल विभाग टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य और हॉकी एकेडमी के पूर्व ट्रेनी रुपिदर पाल सिंह और गुरजंट सिंह को सम्मानित करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:02 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:02 PM (IST)
अभिभावकों के साथ कोच का किरादार सबसे महत्वपूर्ण : स्पो‌र्ट्स निदेशक
अभिभावकों के साथ कोच का किरादार सबसे महत्वपूर्ण : स्पो‌र्ट्स निदेशक

जासं, चंडीगढ़ : यूटी खेल विभाग टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य और हॉकी एकेडमी के पूर्व ट्रेनी रुपिदर पाल सिंह और गुरजंट सिंह को सम्मानित करेगा। वीरवार को खेल विभाग के निदेशक तेजदीप सिंह सैनी ने भारतीय टीम के पदक जीतने के बाद पत्रकार वार्ता की। करीब चार दशक के बाद भारत की पुरुष टीम ने मेडल जीता है, ऐसे में खेल विभाग को भी ट्रेनियों की पीठ थपथपाने का मौका मिल गया। करोड़ों के ईनाम का एलान करने वाले पंजाब-हरियाणा की तर्ज पर सम्मानित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पॉलिसी अनुसार ऑथारिटी से बात कर खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने एकेडमी की नीतियों के बारे में अवगत कराया।

सब खर्चा उठाता है प्रशासन

सैणी ने बताया कि पेरेंट्स का रोल महत्वपूर्ण होता है, उसके बाद कोच का रोल आता है, जो खिलाड़ियों को तराशता है और एक काबिल खिलाड़ी बनाता है। स्पो‌र्ट्स के लिए ग्रास रूट पर काम करना है और यही करते आए हैं और आगे भी ऐसा ही होगा। हॉकी एकेडमी को शुरू करने का मोटिव था कि छोटे बच्चो को हॉकी में कैसे लेकर आएं। एजुकेशन से लेकर हर तरह का खर्च प्रशासन उठाता है। बचपन से तराशने पर मिलते हैं नायाब खिलाड़ी

स्पो‌र्ट्स विभाग की नीतियों को बताने का यह मकसद था कि हम जिन खिलाड़ियों को बचपन से तराशते हैं वे आगे चलकर पेशेवर प्लेयर्स बनते हैं और भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व तक करते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की शुक्रवार को महिला टीम के मुकाबले पर नजर है, इसमे एकेडमी की पूर्व ट्रेनी मोनिका मालिक तक शामिल है। खेल निदेशक का कहना है कि आने वाले समय में विभाग खिलाड़ियों को हर तरह की बेहतरीन सुविधा प्रदान करेगा।

हॉकी एकेडमी के खिलाड़ियों ने मनाया जश्न

पुरुष हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने पर महिला व पुरुष एकेडमी के खिलाड़ियों ने सेक्टर-42 हॉकी स्टेडियम में जमकर जश्न मनाया। चक्क दे इंडिया के नारे के बीच कोच के साथ खिलाड़ियों ने एक-दूसरे का मुंह भी मीठा कराया। यह वह स्टेडियम है जहां रुपिदर पाल और गुरजंट सिंह ने कभी हॉकी स्टिक पकड़नी सीखी थी।

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