चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। देश की सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा-2020 (UPSC Civil Services Exam-2020) का शुक्रवार को रिजल्ट घोषित कर दिया। ट्राईसिटी से पंचकूला निवासी अक्षिता गुप्ता ने ऑल इंडिया में 69वां रैंक हासिल किया है। उधर सेक्टर-39 निवासी राजेश कुमार मोहन ने ऑल इंडिया में 102वां रैंक प्राप्त किया है। एक्सपर्ट के अनुसार सिविल सर्विसेज में बीते वर्षों के मुकाबले इस बार रिजल्ट अच्छा नहीं रहा। ट्राईसिटी से टाॅप 10 में इस बार कोई युवा रैंक हासिल नहीं कर पाया है। मेडिकल और इंजीनियरिंग फिल्ड से जुड़े युवाओं ने भी इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है।
अक्षिता गुप्ता और राजेश कुमार दोनों ने ही जीएमसीएच-32 से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। अक्षिता गुप्ता के पिता डॉ. पवन कुमार गुप्ता पंचकूला के सेक्टर-12 स्थित सरकारी सार्थक स्कूल में प्रिंसिपल हैं। बेटी की सफलता पर डाॅ. पवन ने कहा कि हर मां बाप को बेटियों के सपनों को पूरा करने में हमेशा हौसला बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटी की सफलता पर उन्हें गर्व है।
वहीं, चंडीगढ़ डीएवी सेक्टर-8 के स्टूडेंट रहे जयंत पुरी ने ऑल इंडिया में 210 रैंक हासिल किया है। पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज (पेक) से 2017 में बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले दिलप्रीत सिंह को 237वां रैंक मिला है। दिलप्रीत 2020 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं और एसडीएम के पद पर कार्यरत्त हैं। सिविल सर्विसेज में 321वां रैंक हासिल करने वाली अंकिता पवार सेक्टर-19 स्थित गवर्नमेंट माॅडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की पूर्व छात्रा हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद इन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी की और सफलता हासिल की है। अंकिता इस समय परिवार के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-7 में रहती हैं।
ट्राईसिटी में सिविल सर्विसेज का रिजल्ट इस प्रकार रहा।
कैंडिडेट का नाम - ऑल इंडिया रैंक
अक्षिता गुप्ता 69
राजेश कुमार मोहन 102
जयंत पुरी 210
दिलप्रीत सिंह 237
अंकिता पवार 321
----
"ट्राईसिटी से इस बार रिजल्ट अच्छा नहीं रहा है। कोरोना के कारण यहां के स्टूडेंट्स को इंटरव्यू की बेहतर तैयारी करने का मौका नहीं मिला, जिसमें दिल्ली के स्टूडेंट्स ने बाजी मारी है। ट्राईसिटी से करीब 40 युवाओं ने इंटरव्यू दिया था। मेडिकल और इंजीनियरिंग फिल्ड का ही दबदबा रहा है।
-प्रो.अनिल कुमार,सिविल सर्विसेज एक्सपर्ट, चंडीगढ़
टाॅपर इंटरव्यू
ऑल इंडिया में 102वां रैंक हासिल किया है, यूपी में जेल सुपरिंटेडेंट भी चुने गए
सेक्टर-16 स्थित सरकारी स्कूल से 12वीं करने वाले राजेश कुमार मोहन ने सिविल सर्विसेज में ऑल इंडिया 102वां रैंक हासिल किया है। जीएमसीएच-32 से एमबीबीएस की पढ़ाई कर राकेश ने आइएएस बनने के लिए तैयारी में जुट गया। पांचवे प्रयास में इन्होंने यह सफलता हासिल की है। दैनिक जागरण से बातचीत में राजेश ने बताया कि वह मूल रुप से रोहतक के बरहान गांव के निवासी हैं। इनके पिता राज कंवर हरियाणा सचिवाल में अंडर सेक्रेटरी के पद पर हैं। सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए भी इन्होंने ट्राईसिटी में टाॅप किया। मेडिकल एंट्रेंस में भी इन्होंने ऑल इंडिया दसवां स्थान हासिल किया था। इससे पहले राजेश की यूपीएससी के तहत मेडिकल ऑफिसर और फिर हाल ही में यूपी की स्टेट सर्विसेज में भी सुपरिंटेडेंट ऑफ जेल के पद पर चयन हो चुका है। इस समय परिवार के साथ सेक्टर-39 में रहते हैं। परिवार में मां कमलेश देवी और भाई कैप्टन कुलबीर सिंह मोहन ने इन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। राजेश ने कहा कि सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे युवाओं को धैर्य और लक्ष्य पर फोकस कर तैयारी करनी चाहिए।
आइएएस बनकर महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करना ..अंकिता पवार, 321वां रैंक
सिविल सर्विसेज में जाने का मकसद समाज में महिलाओं और लड़कियों के जीवन में बदलाव लाना है। मेरी कोशिश होगी कि हेल्थ, एजुकेशन को लेकर बेहतर काम करुं। परिवार की सहयोग के बिना इस मुकाम तक पहुंचना संभव नहीं था। कुछ इस तरह के विचार यूपीएससी की सिविल सर्विसेस-2020 में 321 रैंक हासिल करने वाली अंकिता ने रखे। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अंकिता ने बताया कि सेक्टर-19 गवर्नमेंट स्कूल से 12वीं में 97.6 फीसद अंकों के साथ ट्राइसिटी टाॅप किया था। दसवीं तक पढ़ाई केबीडीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की है। आइआइटी रुड़की से बीटेक करने के बाद दो साल मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की। दूसरे प्रयास में अंकिता ने यह सफलता हासिल की है। पिता भूप सिंह पवार हरियाणा के साइंस एंड टेक्नोलाॅजी विभाग में कार्यरत्त हैं। अंकिता का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा के लिए लक्ष्य निर्धारित कर फोकस होकर तैयारी करना जरुरी है। परिवार में मां कमलेश, बड़ी बहन स्नेह और भाई अभिनव ने हमेशा बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।