चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ आज सड़कों पर उतरेंगे शहर के व्यापारी, कई जगह प्रदर्शन, जानें क्या है वजह
चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने प्रशासन के खिलाफ शुक्रवार को चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। वीरवार को प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए व्यापार मंडल के सीनियर पदाधिकारियों ने बैठक की जिसमें प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने प्रशासन के खिलाफ शुक्रवार दोपहर को सेक्टर-17,23, 45 और 46 में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। पूरे शहर की मार्केट एसोसिएशनों को दोपहर एक बजे बुलाया गया है। वीरवार को प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए व्यापार मंडल के सीनियर पदाधिकारियों ने बैठक की जिसमें प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। बता दें कि व्यापारियों का यह प्रदर्शन शहर में प्रशासन द्वारा लगाए गए वीकेंड लॉकडाउन के फैसले के विरोध में किया जा रहा है।
वीरवार को हुई इस बैठक का नेतृत्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह ने किया। चरणजीव सिंह का कहना है कि प्रशासन का वीकेंड लॉकडाउन का फैसला गलत है। इससे व्यापारियों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। डेढ़ साल में यह व्यापार मंडल का पहला प्रदर्शन है, जो कि लॉकडाउन के फैसले के खिलाफ हो रहा है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की शुक्रवार शाम चार बजे वार रूम की बैठक है, जिसमें वीकेंड और सात दिन के लॉकडाउन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसलिए व्यापार मंडल ने इससे पहले दोपहर एक बजे प्रदर्शन की घोषणा की है।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह और महासचिव संजीव चढ्ढा का कहना है कि व्यापारियों का लगातार नुकसान हो रहा है। अफसरशाही इतनी हावी है कि प्रशासन व्यापारियों के खिलाफ फैसले ले रहा है। उन्होंने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन से सिर्फ व्यापारियों को नुकसान हुआ है, जबकि सड़कों पर आवाजाही जारी रही। क्या काेरोना व्यापारी ही फैला रहे हैं। व्यापारी किस तरह से अपनी दुकानों का किराया दे, कर्मचारियों का वेतन किस कैसे दें, कैसे टैक्स का भुगतान करें कभी प्रशासन के अधिकारियों ने इस बारे में सोचा है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भी लॉकडाउन लगाने से बचने के लिए कह रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस पर भी विचार नहीं कर रहा जो कि गलत है। अगर प्रशासन ने इस सप्ताह वीकेंड लाकडाउन लगाने का फैसला लिया तो प्रशासन के खिलाफ अभियान छेड़ा जाएगा।
पीएम की सलाह पर विचार करे प्रशासनः इंटक
लॉकडाउन के खिलाफ बयान देते हुए इंटक के सीनियर उपाध्यक्ष हरजिंदर सिंह ने कहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सरकारों से कहा है कि वे तालाबंदी करने से बचें। वीकेंड लॉकडाउन लागू करने से पहले यूटी प्रशासन को प्रधानमंत्री की सलाह पर विचार करना चाहिए। लॉकडाउन का प्रस्ताव निश्चित रूप से शहर के व्यापारियों और दिहाड़ी मजदूरों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। पिछले एक साल से चंडीगढ़ के व्यापारी तनाव में हैं। अधिकांश व्यवसाय पटरी से उतर गए हैं। होटल, रेस्तरां चलाने वाले व्यवसायियों की हालत भी अच्छी नहीं है। इन क्षेत्रों में काम करने वाले कई लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। कई को वेतन कटौती का सामना करना पड़ा है। यह सब लॉकडाउन और कर्फ्यू का सीधा परिणाम है। वीकेंड लॉकडाउन से आम लोग भी प्रभावित होते हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को इस तरह के छोटे लॉकडाउन लगाए बिना संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ना चाहिए। शहर में कई अनुभवी डॉक्टर हैं, जिनकी मदद से अन्य विकल्पों को काम में लिया जा सकता है।