शहर के 225 ट्यूबवेल भूजल स्तर के लिए बन रहे घातक

स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। हर साल चार से पांच मीटर स्तर गिरता है। इसको लेकर हम सभी को गंभीरता से सोचना होगा। जल स्तर गिरने का कारण है कि शहर में लगे ट्यूबवेलों से धड़ल्ले से पानी की सप्लाई आ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:18 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:18 PM (IST)
शहर के 225 ट्यूबवेल भूजल स्तर के लिए बन रहे घातक
शहर के 225 ट्यूबवेल भूजल स्तर के लिए बन रहे घातक

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़

स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ का भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। हर साल चार से पांच मीटर स्तर गिरता है। इसको लेकर हम सभी को गंभीरता से सोचना होगा। जल स्तर गिरने का कारण है कि शहर में लगे ट्यूबवेलों से धड़ल्ले से पानी की सप्लाई आ रही है। शहर में 225 ट्यूबवेल लगे हैं। इनसे हर दिन 20 से 22 एमजीडी पानी की सप्लाई होती है।

नगर निगम के जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चाहते है कि भू जल स्तर में सुधार करने के लिए ट्यूबवेल से होने वाली पानी की सप्लाई को बंद कर दिया जाए, लेकिन पार्षदों के दबाव के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। जबकि नगर निगम ने पहले यह तय किया था कि कजौली वाटर व‌र्क्स से जब पांचवें और छठे फेज से पानी की सप्लाई आ जाएगी तो ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन दोनों नए फेज से साल 2019 से 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी शुरू हो गया है। शहर में गरमी के दिनों में 105 एमजीडी पानी की मांग होती है। जबकि सर्दी में 70 से 75 एमजीडी की मांग होती है। कजौली वाटर व‌र्क्स के छह फेजों से शहर में 87 एमजीडी पानी आ रहा है। जबकि ट्यूवबेल से 20 से 22 एमजीडी पानी लिया जाता है। ऐसे में कुल 107 एमजीडी पानी की सप्लाई शहरवासियों को की जा रही है। नगर निगम के सदन की बैठक में उठा मामला

वीरवार को सदन की बैठक में कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने अधिकारियों को टरशरी वाटर का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। जबकि सीनियर डिप्टी मेयर महेश इंद्र सिद्धू का कहना है कि उनके वार्ड में वीआइपी एरिया है और जल्द ही यहां पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। दैनिक जागरण ने उठाया मुद्दा तो वाटर सप्लाई कमेटी ने अगले सप्ताह बुलाई बैठक

वाटर सप्लाई कमेटी के चेयरमैन शक्तिदेव शाली ने अगले सप्ताह शहर की जल स्थिति पर बैठक बुला ली है। शक्तिदेव शाली ने दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोगों के साथ साथ नगर निगम को जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पीने का पानी बचता है तो नगर निगम का खर्चा भी कम होगा और इससे शहरवासियों के भी पानी के बिल कम आएंगे। उन्होंने कहा कि पानी बचाने के लिए नगर निगम की ओर से भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में इस पर रणनीति बनाई जाएगी। ऑरगेनिक संस्था भी जुड़ेगी जागरूकता की मुहिम से

दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए अभियान से प्रेरित होकर ओरगेनिक संस्था के पदाधिकारियों ने बैठक की। जिसमे निर्णय लिया गया है कि लोगों को पानी की बर्बादी के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा। संस्था के संयोजक राहुल महाजन का कहना है कि संस्था से जुड़े युवा लोगों को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक तैयार किया जा रहा है। यह नाटक शहर की कॉलोनियों, गांव और पर्यटक स्थलों पर आयोजित किए जाएंगे। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने प्रशासन को दी चेतावनी

सुखना लेक के साथ लगते वीवीआइपी सेक्टरों को कुछ सालों बाद गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ेगा। इन सेक्टरों का भूजल स्तर बेहद तेजी से नीचे खिसक रहा है। धरती के अंदर भूजल भंडार सूख रहे हैं। जितनी तेजी से पानी निकल रहा है उससे बेहद कम गति से रिचार्ज हो रहा है। हालत इतनी खराब हो गई है कि सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने प्रशासन को पत्र लिखकर इसकी चेतावनी दी है। इसे बैलेंस करने के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। सुखना लेक के साथ लगते वीवीआईपी सेक्टर-3 में भूजल 53.64 मीटर बिलो ग्राउंड लेवल है। वहीं बुडैल में शैलो वाटर 2.75 मीटर बिलो ग्राउंड लेवल पर उपलब्ध है। एक छोर से शहर के दूसरे छोर में ही ग्राउंड वॉटर लेवल में 50 मीटर से अधिक का अंतर है। जो चिता बढ़ाने वाला है।

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