कोरोना काल में बढ़ी चाइल्ड लेबर, 14 महीनों में रिकवर हुए 100 बच्चे

सिटी ब्यूटीफुल में कोरोना काल में बड़ी संख्या में चाइल्ड लेबर देखने को मिली है। चाइल्ड लेबर को रोकने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अलग-अलग नियम बनाए हुए हैं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 11:30 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 11:30 PM (IST)
कोरोना काल में बढ़ी चाइल्ड लेबर, 14 महीनों में रिकवर हुए 100 बच्चे
कोरोना काल में बढ़ी चाइल्ड लेबर, 14 महीनों में रिकवर हुए 100 बच्चे

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़

सिटी ब्यूटीफुल में कोरोना काल में बड़ी संख्या में चाइल्ड लेबर देखने को मिली है। चाइल्ड लेबर को रोकने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने अलग-अलग नियम बनाए हुए हैं, उसके बाद भी आए दिन सोशल वेलफेयर की विभिन्न यूनिट बच्चों को ढाबों और दुकानों पर मजदूरी करते हुए रेक्सयू करती है। चंडीगढ़ प्रशासन के पास 181 महिला एवं बाल विकास हेल्पलाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन और डिस्ट्रिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट डीसीपीयू बच्चों को बेहतर कल देने में जुटी हुई है। अप्रैल 2020 से जून 2021 तक प्रशासन की तीन यूनिटों ने सौ से ज्यादा बच्चों को रिकवर किया है। इसके बाद बच्चों को स्नेहालय मलोया और अशियाना सेक्टर-15 में रिहायश दी गई है। यदि कोई माता-पिता बच्चे की जिम्मेदारी लेने को तैयार होता है तो बच्चा उसे वापस भी दिया जाता है। बच्चों के घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर वह पढ़ाई छोड़कर कमाई में जुटे हुए हैं।

डीसीपीयू प्रोजेक्ट डायरेक्टर तबूसुम खान ने बताया कि 14 साल से छोटी उम्र का कोई भी बच्चा ढाबे पर काम नहीं कर सकता। चाइल्ड लेबर को रोकने के लिए हमने कानून का सहारा लिया है। इसके बाद काम कराने वाले की पुलिस शिकायत हो रही है।

मजबूरी में करते है बच्चे काम : विक्रम सिंह

181 हेल्पलाइन मैनेजर विक्रम ने बताया कि हमारी टीम की ओर से रिकवर किए करीब 23 बच्चे मजबूरी में मजदूरी कर रहे थे। बच्चों की आर्थिक स्थिति खराब थी। बच्चों की मां जो कि दूसरों के घरों में काम करती थी उनका काम छीन चुका था इसके अलावा पिता की मजदूरी भी बंद हो चुकी है जिसके बाद बच्चे काम कर रहे थे।

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