पंजाब में टिकट दावेदारों की जमीनी हकीकत जानेगी कांग्रेस, सिद्धू के हमलों से निखर रही चन्नी की छवि

पंजाब में टिकट के दावेदारों की हकीकत जानने के लिए कांग्रेस जमीनी स्तर पर सर्वे करेगी। आम मतदाता की राय जानने के लिए बेंगलुरु व हैदराबाद की एजेंसी की मदद से सर्वे होगा। वहीं सिद्धू के हमलों से मजबूत हो रही चन्नी की छवि पार्टी को भा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 10:59 AM (IST) Updated:Sat, 11 Dec 2021 06:34 AM (IST)
पंजाब में टिकट दावेदारों की जमीनी हकीकत जानेगी कांग्रेस, सिद्धू के हमलों से निखर रही चन्नी की छवि
पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की फाइल फोटो।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से पहले पार्टी जमीनी हकीकत जानने में जुट गई है। इसके लिए राहुल गांधी कलर कोडिंग सर्वे करवा रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के अपनी पार्टी बनाने व तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद पैदा हुई चुनौतियों को देखते हुए कांग्रेस ने सर्वे का पैटर्न बदला है। पार्टी अब बेंगलुरु और हैदराबाद की एजेंसी से राज्य में निचले स्तर पर सर्वे कराएगी। इसके लिए आटो चालक, चाय की दुकान, ढाबे, बस अड्डों आदि को चिह्नित किया गया है।

कांग्रेस ने 2022 को लेकर अभी तक जो भी सर्वे करवाए हैं, वह इंटरनेट मीडिया या आइटी कंपनियों के माध्यम से ही किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी यह मान रहे हैं कि वोटिंग में सबसे ज्यादा हिस्सा लेने वाले मतदाता इंटरनेट मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं रहते। ऐसे में यह जरूरी है कि प्रत्याशियों के चयन के लिए उनके मन की बात को सुना जाए। यही कारण है कि सर्वे में कलर कोडिंग का इस्तेमाल किया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अभी कांग्रेस तरह-तरह के सर्वे करवा रही है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी भी इंटरनेट मीडिया से एक सर्वे करवा रहे हैं, जबकि स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य व राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावारू भी अलग सर्वे से राय जान रहे हैं।

क्या है कलर कोडिंग

इस सर्वे को ग्रीन, आरेंज और रेड जोन में बांट कर किया जा रहा है। ग्रीन जोन का मतलब होगा कि पार्टी को यहां पर प्रत्याशी को बदलने की जरूरत नहीं है और पार्टी उस जोन में मजबूत है। आरेंज जोन का मतलब होगा कि प्रत्याशी के फेरबदल, नया प्रत्याशी देकर या थोड़ी मेहनत करके कांग्रेस सीट निकाल सकती है, जबकि रेड जोन मतलब होगा कि चाहे प्रत्याशी को बदल दिया जाए या कितने भी प्रयास किए जाए, वहां कांग्रेस का जीतना संभव नहीं है। इस सर्वे में निम्न व निम्न वर्ग से ऊपर वालों को शामिल किया गया है। इसके बाद पार्टी प्रत्याशियों के नामों को लेकर किसी स्पष्ट नतीजे पर पहुंच सकेगी।

चन्नी की छवि भा रही कांग्रेस को

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर जितना हमला कर रहे हैं, उससे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की इंटरनेट मीडिया पर छवि मजबूत हो रही है। कांग्रेस के एक सर्वे में यह बात निकलकर सामने आए है कि मुख्यमंत्री की छवि और सिद्धू के हस्तक्षेप से जो संदेश मतदाताओं में जा रहा है वह कांग्रेस को भा रहा है।

सर्वे का होगा तुलनात्मक अध्ययन

प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने सभी जिलों में कोर्डिनेटरों की नियुक्ति कर दी है। उनकी भूमिका प्रत्याशी को लेकर अपनी रिपोर्ट देने तक ही रहेगी। टिकट बंटवारे के समय पार्टी कलर कोङ्क्षडग सर्वे और कोर्डिनेटरों की रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद ही फैसला लेगी।

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