चंडीगढ़ नगर निगम में अधिकारियों से मिलने का समय बदला, सिर्फ एक घंटा ही शर्तों के साथ मिलेगी एंट्री, वह भी हफ्ते में तीन दिन

चंडीगढ़ नगर निगम में अधिकारियों से मिलने का समय बदल दिया गया है। शहवासी पहले की तरह रोजोना अधिकारियों से मिलने नहीं आ सकेंगे। अब सप्ताह में सिर्फ ३ दिन ही लोग नगर निगम कार्यालय में आ सकेंगे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 10:09 AM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 10:09 AM (IST)
चंडीगढ़ नगर निगम में अधिकारियों से मिलने का समय बदला, सिर्फ एक घंटा ही शर्तों के साथ मिलेगी एंट्री, वह भी हफ्ते में तीन दिन
चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय की फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहरवासी अगर अब नगर निगम में किसी भी समय आए तो उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी क्योंकि वीरवार से लोगों के लिए आने और अधिकारियों को मिलने का समय तय कर दिया गया है। इसके साथ ही बुधवार और शुक्रवार को निगम कार्यालय में लोगों की एंट्री पूरी तरह से बंद है, जबकि निगम में शनिवार और रविवार पहले से सरकारी अवकाश होता है। ऐसे में अब तीन दिन ही लोग निगम कार्यालय आ सकते हैं, वह भी सिर्फ एक घंटा। दोपहर 12 से एक बजे के बीच लोग अधिकारियों से शर्तों के साथ मिल सकते हैं।

इस एक घंटे के दौरान भी वह लोग ही आ सकते हैं जिन्हें कम से कम कोरोना से बचाव की एक वैक्सीन लगी हो।अगर वैक्सीन नहीं लगी है तो आरटीसीपीआर की 72 घंटे पहले की रिपोर्ट साथ होने चाहिए। इन दोनो में अगर कुछ नहीं है तो नगर निगम के दरवाजे उस व्यक्ति के लिए बंद है। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए नगर निगम ने यह निर्णय लिया है। सिर्फ सप्ताह में बुधवार और शुक्रवार दो दिन ऐसे होंगे। जिसमें कोई भी शहरवासी एक घंटे के लिए भी नहीं आ सकते हैं। यह फैसला आज से लागू हो जाएगा।

यह फैसला कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए लिया गया है। वहीं, कांग्रेस कांग्रेस पार्टी इस फैसले का विरोध कर रही है। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि पहले से लोगों के काम नहीं हो रहे हैं अब नए नए नियम लागू करके शहरवासियों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है। अब शहरवासी अपने कामों को करवाने के लिए कहा जाएं। कैंथ का कहना है कि अगर शहरवासियों के काम घर बैठे ही हो जाएं तो नगर निगम आने की किसी को कोई जरूरत न पड़े, लेेकिन असलियत यह है कि ऐसा नहीं है। लाेगों को दर-दर की ठोकरे खाकर अपना काम करवाने पड़ते हैं।

मेयर ने बताया कि रोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से नगर निगम को कुछ गाइडलाइंस आई है जिसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है हालांकि यह निर्णय पार्षदाें पर लागू नहीं होगा वह किसी भी समय अपने कामों के लिए नगर निगम में आ सकते हैं।मालूम हो कि प्रशासन के सरकारी कार्यालयों में पहले से यह तय किया हुआ है कि वैक्सीन लगाए बिना कोई भी किसी कार्यालय में नहीं आ सकता है। मेयर रविकांत शर्मा ने बताया कि नगर निगम के 85 फीसद स्टॉफ को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। कमिश्नर आनंदिता मित्रा ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगी कि वह खुद 12 से एक के बीच नगर निगम में ही लोगों के लिए मौजूद रहे और उनके अधिकारी भी अपने कार्यालय में ही रहें।

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