International Nurses Day 2021: फर्ज के चलते दूर किए बच्चे, फोन पर बात सुनने का भी मीनाक्षी के पास नहीं समय
मीनाक्षी ने कहा कि कोरोना का अंत हम कोरोना नियमों का पालन करते हुए और हिम्मत से कर सकते है। यदि हम कोरोना के नियमों का पालन करते है तो यह हमारे नजदीक नहीं आएगा। दूसरा कोरोना होने का अर्थ कभी भी जीवन का अंत नहीं होता।
चंडीगढ़, जेएनएन। International Nurses Day 2021: कोरोना महामारी ने इंसान को अपनों से ही दूर कर दिया है। लोग कोरोना गाइडलाइन को नहीं मानना चाहते और बीमार होने पर सबसे पहले कोरोना का डर लेकर अस्पताल आ रहे है। एक तरफ लोगों की लाहपरवाही है तो दूसरी तरफ उनका डर। इसी बीच अस्पतालों की मेडिकल टीम की स्थिति इतनी खराब है कि हम कोरोना से सुरक्षित होने के बावजूद अपनों से दूर है। यह कहना है पीजीआइ सीनियर नर्स मीनाक्षी व्यास का। वर्ल्ड नर्स डे पर दैनिक जागरण से बात करते हुए मीनाक्षी ने बताया कि कोरोना की शुरूआत से ही कोविड वार्ड में ड्यूटी है। मैं मरीजों के बीच रह रही थी तो मैंने अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए परिवार के दूसरे सदस्यों के पास भेज दिया। आज स्थिति इतनी खराब होती नजर आ रही है कि हम अपने बच्चों से ही बात नहीं कर पा रहे।
नियमों का पालन और हिम्मत से कर सकते है मुकाबला
मीनाक्षी ने कहा कि कोरोना का अंत हम कोरोना नियमों का पालन करते हुए और हिम्मत से कर सकते है। यदि हम कोरोना के सभी नियमों का पालन करते है तो यह हमारे नजदीक नहीं आएगा। दूसरा कोरोना होने का अर्थ कभी भी जीवन का अंत नहीं होता इस सोच के साथ हम कोरोना से मुकाबला करें तो निश्चित तौर पर जीत हमारी ही हाेगी।
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