चंडीगढ़ की मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने हाफ मैराथन में जीता सिल्वर मेडल, रोजाना दो घंटे लगती हैं दौड़
चंडीगढ़ की मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने एक बार फिर अपना और शहर का नाम रोशन किया है। नीरू कक्कड़ ने सुपर सिख श्री आनंदपुर साहिब हाफ मैराथन में सिल्वर मेडल जीता है। नीरू कक्कड़ सेक्टर -16 के अस्पताल की गायनी एमरजेंसी में बतौर स्टाफ नर्स सेवाएं देती हैं।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। चंडीगढ़ की मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने एक बार फिर अपना और शहर का नाम रोशन किया है। नीरू कक्कड़ ने सुपर सिख श्री आनंदपुर साहिब हाफ मैराथन में सिल्वर मेडल जीता है। नीरू कक्कड़ सेक्टर -16 के अस्पताल की गायनी एमरजेंसी में बतौर स्टाफ नर्स सेवाएं देती हैं और वह कई नेशनल व इंटरनेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में 60 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। नीरू 45 प्लस कैटेगरी में हिस्सा लेती हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन की वजह से स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने मास्टर एथलीट के लिए स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में एंट्री बंद कर दी थी। जिस वजह से उन्हें सड़क या पार्क में जाकर प्रेक्टिस करनी पड़ती है। ट्रैक पर नहीं दौड़ने की वजह से चोट लगने का खतरा बना रहता है, इसके अलावा सड़क पर यातायात भी ज्यादा होता है और पार्कों में सैर करने वाले लोगों की भीड़, ऐसे में हमें प्रेक्टिस करने की कोई निश्चित जगह नहीं मिल पाती है। दूसरा कोरोना संक्रमण का डर भी बना रहता है, बावजूद इसके मैंने न केवल समय पर अपनी दौड़ पूरी की, बल्कि प्रतियोगिता में दूसरा स्थान भी हासिल किया। यह हाफ मैराथन मेरे लिए एक चुनौती तरह थी, मुझे खुशी है कि मैं इसे पूरा किया।
नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर जीत चुकी हैं 60 मेडल
मास्टर एथलीट नीरू कक्कड़ ने साल 2019 -20 में 12 मैराथन में हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने 10 मैराथन में मेडल जीते थे। वह अब तक राष्ट्रीय व इंटरनेशनल स्तर पर 60 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। वर्ष 2018 में नीरू कक्कड़ ने मलेशिया के पेनांग में आयोजित एशिया पेसिफिक मास्टर गेम्स में चार मेडल जीतकर शहर का मान बढ़ाया था। नीरू ने प्लस-45 आयुवर्ग की कैटेगरी में 5000 मीटर रेस में हिस्सा लेते हुए दूसरा स्थान,5000 मीटर वॉक में सिल्वर मेडल, 3000 मीटर वॉक में ब्रांज मेडल और 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन में फिनिशर का मेडल का जीता था।
आज भी मेडल जीतकर होती बच्चों जैसी खुशी
कक्कड़ ने बताया कि वह अपने कॉलेज टाइम में पंजाबी यूनिवर्सिटी की तरफ से इंटर यूनिवर्सिटी खेली हुई हैं। इसके बाद वह नौकरी में व्यस्त हो गई और दौड़ उनसे छूट गई। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आने लगी तो दोबारा दौड़ लगाना शुरू कर दिया। आज वह रोजाना 2 घंटे के करीब दौड़ लगाती हैं। नीरू ने बताया कि एथलीट चैंपियनशिप में 5 साल पहले हिस्सा लेना शुरू किया था। वे एथलीट चैंपियनशिप के वॉक, रनिंग व मैराथन प्रतियोगिताओं में ही भाग लेती हैं। नीरू ने बताया कि मुझे मेडल जीतने में मजा आता है और मैं अभी बच्चों की तरह मेडल जीतकर खुश होती हैं। यही जुनून मुझे मेहनत करने को प्रेरित करता है।