चंडीगढ़ के बेकरी प्रोडक्ट्स को मिलेगी अलग पहचान
अभी आप कोई भी बेकरी प्रोडक्ट खाते हैं तो उसका टेस्ट अलग-अलग होता है लेकिन अब आगे आप चंडीगढ़ में कोई भी प्रोडक्ट खरीदेंगे तो उसका टेस्ट एक जैसा होगा।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़
अभी आप कोई भी बेकरी प्रोडक्ट खाते हैं, तो उसका टेस्ट अलग-अलग होता है, लेकिन अब आगे आप चंडीगढ़ में कोई भी प्रोडक्ट खरीदेंगे तो उसका टेस्ट एक जैसा होगा। यह एकदम वैसे होगा जैसे पीजा या बर्गर चेन के प्रोडक्ट की क्वालिटी किसी भी शहर में एक जैसी होती है। नट बोल्ट जैसी स्मॉल हार्डवेयर इंडस्ट्री के लिए पहचान रखने वाला चंडीगढ़ अब अपने बेकरी प्रोडक्ट के लिए भी जाना जाएगा। यह बेकरी प्रोडक्ट ऐसा होगा जो चंडीगढ़ को देश ही नहीं विदेश में भी अलग पहचान देगा। इस तरह का प्रोडक्ट तैयार करने के लिए चंडीगढ़ में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर ने इसके लिए गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगे हैं। प्राइम मिनिस्टर फार्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) स्कीम के तहत बेकरी प्रोडक्ट्स में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट तैयार करने की घोषणा की गई थी। उसी के तहत मैन्यूफैक्चरिग प्रोसेसिग के लिए फूड प्रोसेसिग यूनिट्स को इनक्यूबेशन फेसिलिटी उपलब्ध कराने के लिए यह सेंटर बनेगा। डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज ऑफिस में इसके लिए गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट 31 अगस्त तक एप्लीकेशन जमा करा सकते हैं। यह सेंटर सात हजार स्क्वेयर फिट एरिया में डेवलप होगा। दो करोड़ में होगा सेंटर डेवलप
माइक्रो फूड प्रोसेसिग एंटरप्राइजेज को इस स्कीम के तहत दो लाख रुपये की क्रेडिट सपोर्ट दी जाएगी। यह सभी यूनिट बिना किसी कैपिटल इनवेस्टमेंट यानी बिल्डिग या इंडस्ट्री यूनिट के अपने प्रोडक्ट की मैन्यूफेक्चरिग कर सकेंगे। यह सेंटर इन्हें ट्रेनिग भी देंगे। यह सेंटर रॉ मैटीरियल को फाइनल प्रोडक्ट तैयार करने में मदद करेंगे। इस सेंटर में प्राइमरी, सेकेंडरी, टेरीटरी प्रोसेसिग ऑक्सीलरी यूनिट सेटअप की जाएंगी। इससे नया स्टार्टअप या काम करने वालों को कोई कैपिटल इनवेस्टमेंट नहीं करनी पड़ेगी। वह इस सेंटर से ही अपना प्रोडक्ट तैयार कर सकेंगे।
यह होगा इस सेंटर का फायदा
प्राइमरी प्रोसेसिग फेसिलिटी जैसे रॉ मैटीरियल से तैयार माल की क्लीनिग, ग्रेडिग और पैकेजिग, सेकेंडरी प्रोसेसिग फेसिलटी जैसे मिलिग, फ्लेकिग, मिनिमल प्रोसेसिग, थर्मल प्रोससिग, टेरिटरी प्रोसेसिग जैसे रेडी टू ईट, रेडी टू सर्व, रेडी टू कुक, कोल्ड स्टोरेज जिसमें फ्रैश और तैयार माल रखा जा सकेगा। इंस्टीट्यूट के लिए यह शर्त
इनक्यूबेशन सेंटर के लिए चयनित इंस्टीट्यूट को केंद्र सरकार फंडिग करेगी। सेंटर में तीन से पांच प्रोसेसिग लाइंस बनानी होंगी। दिन में इससे एक से दो टन माल तैयार करने की क्षमता रखनी होगी। इसमें प्राइमरी, सेकेंडरी, टेरेटरी, प्रोसेसिग, स्टोरेज पैकेज के लिए दो करोड़ रुपये का फंड मिलेगा, जबकि बिल्डिग की रेनोवेशन, फ्लोरिग, बायलर्स, आरओ प्लांट और ईटीपी के लिए पांच लाख अलग से मिलेंगे। फूड टेस्टिग लैब 2.5 लाख रुपये से तैयार होगी। पूरे प्रोजेक्ट पर 2.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 100 फीसद फंडिग पीएमएफएमई स्कीम से ही होगी।