चंडीगढ़ प्रशासन के रवैये से कर्मचारी नाराज, काले बिल्ले लगाकर करेंगे काम

कर्मचारियों ने पहले सोमवार 14 जून से काले बिल्ले लगाकर रोष व्यक्त करने की घोषणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने की थी लेकिन सोमवार को सार्वजनिक अवकाश है। सभी कार्यालय बंद रहेंगे। इसे देखते हुए अब मंगलवार से यह रोष प्रदर्शन शुरू होगा। कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 01:49 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 01:49 PM (IST)
चंडीगढ़ प्रशासन के रवैये से कर्मचारी नाराज, काले बिल्ले लगाकर करेंगे काम
यूटी के कर्मचारी संगठन प्रशासन के रवैये से नाखुश हैं। सांकेतिक चित्र।

चंडीगढ़, जेएनएन। यूटी के कर्मचारी संगठन प्रशासन के रवैये से नाखुश हैं। बार-बार मीटिंग और आश्वासन के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। अब कर्मचारी संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ हल्लो बोलने की तैयारी कर ली है। पहले सोमवार 14 जून से काले बिल्ले लगाकर रोष व्यक्त करने की घोषणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने की थी लेकिन सोमवार को सार्वजनिक अवकाश है। सभी कार्यालय बंद रहेंगे। इसे देखते हुए अब मंगलवार से यह रोष प्रदर्शन शुरू होगा। कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे।

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर अश्वनी कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रशासन को बहुत समय दिया है। कर्मचारियों की जायज मांगों को मनवाने के लिए कर्मचारी पहली कड़ी में काले बिल्ले लगाएंगे। वे काले बिल्ले लगाकार दफ्तरों में काम करेंगे। इसके बाद दूसरी कड़ी में मांग लिखी तख्तियां लेकर चंडीगढ़ प्रसाशन और नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन कोविड नियमों के तहत ही होगा। साथ ही, प्रशासन को चौतरफा घेरा जाएगा।

उन्होंने कहा कि विभाग में खाली पदों को भरा नहीं जा रहा है। ओटसोर्सिंग पर रखे वर्कर्स को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा। मशीनरी की रिपेयर नहीं हो रही। वर्दी का भुगतान नहीं हो रहा है। ओटसोर्सिंग पर रखे वर्कर्स का शोषण रोकने के लिए पालिसी नहीं बनाई जा रही। अश्वनी कुमार ने प्रसाशन से अपील की कि वह कर्मचारियों के साथ बैठक करके जायज मांगों को जल्द पूरा करे। ऐसा नहीं होने की स्थिति में प्रदर्शन की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

बढ़ता जा रहा है कि कर्मचारियों का गुस्सा

कर्मचारियों में प्रशासन के प्रति गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। उन्हें कई महीने से रुका डीए भी मांग अनुसार बढ़ा कर नहीं दिया गया। इसमें केवल आठ फीसद की बढ़ोतरी की गई। जबकि कोविड महामारी में आर्थिक हालात ज्यादा खराब हुए हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों से पैसे लेकर नौकरी पर रखने का सिलसिला बंद होना चाहिए। यह देखा जाना चाहिए कि पहले से जो काम कर रहे हैं उन्हें ठेकेदार बदलने पर भी न निकाला जाए।

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