शैडो बॉक्सिंग की प्रेक्टिस कर खुद को फिट रखें मुक्केबाज, चंडीगढ़ में यूटी कोच ने खिलाड़ियों को दिए खास टिप्स
चंडीगढ़ यूटी कोच भगवंत सिंह ने बताया कि मुक्केबाजी करने वाले हर सीनियर खिलाड़ी को खेल से जुड़ी तमाम एक्सरसाइज का पता होता है। बिना पार्टनर के बॉक्सिंग की प्रेक्टिस अधूरी है। खिलाड़ी कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए घर में रहकर शैडो बॉक्सिंग नियमित रूप से करें।
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने अपने सभी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बंद कर दिए हैं। ऐसे में मुक्केबाज घर पर रहकर कैसे प्रेक्टिस कर रहे हैं। इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर के पूर्व मुक्केबाज व यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट में बॉक्सिंग कोच भगवंत सिंह ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की। मूलरूप से पटियाला के रहने वाले भगवंत सिंह तीन बार पंजाब स्टेट गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। इसके अलावा व इंडिया कैंप का भी हिस्सा रहे हैं। भगवंत बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2004 में यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ज्वाइन किया था। वह दीपक सिंह, नंदिनी, सावन गिल, दिया नेगी, हरनूर कौर, लवलीन कौर, नेहा, योनम कंबोज, मेवा सिंह सिंह जैसे राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज देश को दे चुके हैं।
शैडो बॉक्सिंग की प्रेक्टिस करें मुक्केबाज
भगवंत सिंह ने बताया कि मुक्केबाजी करने वाले हर सीनियर खिलाड़ी को खेल से जुड़ी तमाम एक्सरसाइज का पता होता है। उन्हें उनका शेड्यूल पूरी तरह से पता है, हालांकि बिना पार्टनर के बॉक्सिंग की प्रेक्टिस अधूरी है बावजूद इसके खिलाड़ी कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए घर में रहकर शैडो बॉक्सिंग नियमित रूप से करें। इससे बॉक्सिंग से जुड़ी तमाम मूवमेंट की एक्सरसाइज हो जाती है। इसके अलावा फ्री हैंड एक्सरसाइजिंग, स्किपिंग रो, पेट से जुड़ी तमाम एक्सरसाइज जरूर करें। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बंद हुए हैं, बावजूद इसके मुक्केबाज सुबह-शाम रनिंग कर सकते हैं, साइकिलिंग कर सकते हैं। इससे उनका स्टैमिना मजूबत होगा।
जूनियर खिलाड़ियों के लिए टिप्स
भगवंत बताते हैं कि वैसे तो जूनियर खिलाड़ी 8 साल की उम्र से मुक्केबाजी कर सकते हैं। बावजूद इसके हम अपने स्पोर्ट्स कांप्लेक्सों में 10 साल के खिलाड़ियों को बॉक्सिंग की कोचिंग में लेते हैं। मुक्केबाजी के मुकाबले अंडर -14 आयुवर्ग से शुरू होते हैं। ऐसे में इन जूनियर खिलाड़ियों के पास चार साल का लंबा समय तैयारी के लिए होता है। उन्होंने बताया कि इन खिलाड़ियों को शरीर में लचीलापन, कोर्डिनेशन और बॉडी बैलेंसिंग से जुड़ी एक्सरसाइज करने पर जोर देना चाहिए। जो जूनियर खिलाड़ी कभी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में नहीं आए और मुक्केबाजी में करियर बनाना चाहते हैं, वह यकीनन यूट्यूब पर देखकर धीरे इनकी प्रेक्टिस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो समय निकल रहा है, उसका भरपाई नहीं हो सकती है। बावजूद इसके खिलाड़ियों को समय की मांग को समझते हुए खुद को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखना चाहिए।