चंडीगढ़ के थिएटर कलाकाराें को लग गई कोरोना की नजर, कोई कर रहा मजदूरी तो कोई फोटो स्टूडियो में काम

चंडीगढ़ के थिएटर ग्रुप्स का काम अभी तक बंद है। शहर में 10 से 12 थिएटर ग्रुप है और जिसमें काम करने वाले कलाकार कोरोना महामारी में अपना पेट भरने के लिए किसी ने मजदूरी और किसी ने फोटो स्टूडियो पर काम कर रहे हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 01:45 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 05:18 PM (IST)
चंडीगढ़ के थिएटर कलाकाराें को लग गई कोरोना की नजर, कोई कर रहा मजदूरी तो कोई फोटो स्टूडियो में काम
चंडीगढ़ में थिएटर कलाकारों ने महामारी के दौरान मजदूरी करके या फिर दूसरे काम करके खुद की आजीविका चलाई है।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोरोना महामारी ने सब कुछ रोका तो सिटी ब्यूटीफुल भी रुक गया। उसके बाद जब कोरोना महामारी की रफ्तार धीमी हुई तो देश की विभिन्न गतिविधियों के साथ शहर का जनजीवन भी आसान हो गया, लेकिन इस सब के बावजूद शहर का थिएटर ग्रुप्स का काम अभी तक बंद है। शहर में 10 से 12 थिएटर ग्रुप है और जिसमें काम करने वाले कलाकार बालीवुड और पालीबुड में भी अभिनय का सिक्का जमा चुके हैं। उसके बाद भी कोरोना महामारी में अपना पेट भरने के लिए किसी ने मजदूरी की, किसी ने फोटो स्टूडियो पर काम किया तो कोई छोटे-छोटे काम कर रहा है। 

सांसद बालीवुड अभिनेत्री नहीं समझ कलाकारों की स्थिति

जिन थिएटर कलाकारों ने महामारी के दौरान मजदूरी करके या फिर दूसरे काम करके खुद की आजीविका चलाई है, अब कलाकारों के साथ स्थानीय लोगों के भी सुर उठने लगे है। लोगों का कहना है कि शहर की सांसद किरण खेर खुद बालीवुड अभिनेत्री है, पति अनुपम खेर बालीवुड अभिनेता है और बेटा सिकंदर भी बालीवुड में सिक्का जमा चुका है। लेकिन उसके बावजूद शहर की सांसद की तरफ से थिएटर कलाकारों के लिए कुछ नहीं किया गया है। जो व्यक्ति इन कलाकारों के लिए काम करने वाले थे उन्हें भी पद से हटा दिया गया।

शहर ने बालीवुड और पॉलीवुड को दिए है कलाकार

सिटी ब्यूटीफुल की बात करें तो इसने बालीवुड से लेकर पालीवुड और संगीत की दुनिया को बेहतरीन तोहफे दिए है। जसपाल भट्टी को देश के अलावा विदेशों के लोग भी जानते है। इसके अलावा सिंगर बादशाह भी पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज सेक्टर-12 पेक के स्टूडेंट रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी थिएटर कलाकारों की हालत बद्दतर रही है। दिलजीत दोसांज की सूरमा और शाहिद कपूर की फिल्म जर्सी में अभिनय किया। इसके साथ-साथ जालंधर दूरदर्शन में भी बतौर अभिनेता सेवा दी, लेकिन जब कोरोना महामारी शुरू हुई तो उन्हें शहर के स्लम एरिया में पहुंचकर 450 रूपये प्रति दिहाड़ी लगाकर पेट पालना पड़ा। इसके प्रकार के शहर के अन्य कलाकारों की बात करें तो किसी ने फाेटो स्टूडियाे में काम शुरू किया हुआ है, तो किसी ने शॉर्ट फिल्में बनाकर अपने परिवार को चलाने का जिम्मा उठा रखा है।

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