चंडीगढ़ में कोठी पर कब्जा करने का मामलाः DSP के भरोसे हुआ सौदा, आरोपितों ने तहसीलदार को दी थी महंगी शराब

चंडीगढ़ के सेक्टर 37ए में कोठी पर कब्जा करने के मामले में एक डीएसपी की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपितों से डीएसपी को भरोसे पर लेकर और बाद में तहसीलदार को महंगी शराब देकर यह फर्जीवाड़ा किया।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 08:45 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:45 PM (IST)
चंडीगढ़ में कोठी पर कब्जा करने का मामलाः DSP के भरोसे हुआ सौदा, आरोपितों ने तहसीलदार को दी थी महंगी शराब
चंडीगढ़ में कोठी पर कब्जा करने के मामले में एक डीएसपी का नाम सामने आया है।

चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-37 ए स्थित कोठी पर कब्जा करने और धोखाधड़ी के तहत फर्जी दस्तावेज और गवाहों के दम पर उसे बेचने के मामले में अब यूटी पुलिस के एक डीएसपी की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। एसआइटी की जांच में सामने आया है कि डीएसपी के ऑफिस में मीटिंग के दौरान उसके भरोसे पर ही कोठी का सौदा हुआ। साथ ही इस्टेट ऑफिस में नाम ट्रांसफर करवाया गया था।

आरोप है कि आरोपितों ने तहसीलदार को फर्जी कागजात तैयार करने के बदले उसे महंगी शराब की एक पेटी भी मुहैया कराई थी। इसका खुलासा यूटी पुलिस की स्पेशल इंवेटिगेशन टीम (एसआइटी) की जांच में शामिल कोठी खरीदने वाले आरोपित शराब कारोबारी अरविंद सिंगला ने अपने बयान में किया। हालांकि इस केस में आरोपित बनाए जाने के बाद से ही वह फरार है।

आरोपितों के खिलाफ 15 धाराओं के तहत केस दर्ज

पुलिस ने इस मामले में मंगलवार को पत्रकार संजीव महाजन और प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार किया था। सेक्टर-31 थाना पुलिस ने मामले में गिरफ्तार संजीव महाजन को लेकर उसके सेक्टर-37 स्थित मकान में सर्च भी किया। मामले में सतपाल डागर (डीएसपी का भाई), अरविंद सिंगला (शराब कारोबारी), खलिंदर सिंह कादयान( प्रॉपर्टी डीलर), अशोक अरोड़ा (डीलर), संजीव महाजन(पत्रकार), सौरव गुप्ता (डीलर), सुरजीत सिंह(बाउंसर), शेखर, दलजीत सिंह, मनीष गुप्ता(डीलर) समेत अन्य के खिलाफ कुल 15 धाराओं के तहत केस दर्ज है।      

ऐसे हुई डील

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोठी खरीदने वाले आरोपित शराब कारोबारी अरविंद सिंगला ने एसआइटी की जांच में शामिल होकर बयान दिया कि 2017 में प्रॉपर्टी डीलर अशोक अरोड़ा ने उसे बता कि संजीव महाजन सेक्टर-37 स्थित कोठी बेच रहा है। इसके बाद सेक्टर-40 में संजीव महाजन और अशोक अरोड़ा के बीच सेक्टर-40 में कोठी के सौदे को लेकर मुलाकात हुई। इसके बाद एक डीएसपी के ऑफिस में प्रॉपर्टी डीलर सतपाल डागर के साथ मीटिंग कर कोठी के सौदे की प्रक्रिया पूरी करवाई। आरोप है कि डागर और संजीव के कहा था कि वह कोठी के सारे कागजात तैयार करवा लेंगे।

बेसहारा बताकर कोठी मालिक को फॉर्म हाउस में रखा था

गुजरात के भुज स्थित फॉर्म हाउस के संचालक अब्दुल करीम (आरिफ) ने एसआइटी को बताया है कि संजीव महाजन कोठी मालिक राहुल मेहता को मानसिक बीमार और बेसहारा बताकर उसके पास छोड़ा था। इसके बाद संजीव महाजन ने उसे फोन कर कहा था कि पुलिस को राहुल मेहता की तलाश है। उससे यदि किसी भी तरह की जांच या पूछताछ की जाए तो वह राहुल के बारे में कुछ न बताए।

मौसी का बेटा बन कोठी मालिक को लेने आश्रम पहुंचा था संजीव महाजन

पुलिस सूत्रों के अनुसार सेक्टर-37ए स्थित कोठी के इकलौते वारिस राहुल मेहता के बारे में संजीव महाजन और सुरजीत बाउंसर को एक प्रॉपर्टी डीलर से पता चला था। आरोपित सुरजीत (अब मृतक) ने सबसे पहले मालिक को मानसिक बीमार बताकर जबरनआश्रम ले जाकर छोड़ा था। 23 जनवरी 2021 को एसआइटी की जांच में फंसने की भनक लगने पर 24 जनवरी को संजीव महाजन नई दिल्ली स्थित अपना घर आश्रम में कोठी मालिक को लेने पहुंचा। इसके लिए उसने खुद को उसके मौसी का लड़का बताया। वहां से उसे कर्मचारियों ने बताया कि राहुल मेहता को राजस्थान के भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम के ब्रांच में भेजा जा चुका है। उस पर संजीव ने कहा कि वह राजस्थान के आश्रम में राहुल को लेने जा रहा है, जिसके आधार पर पुलिस ने संजीव की पहचान करने का दावा भी कोर्ट में रिमांड हासिल करने के लिए किया।  

पांच साल की बैंक, प्रॉपर्टी डिटेल्स की जांच

पुलिस संजीव महाजन सहित सभी आरोपितों के पांच साल की बैंक अकाउंट डिटेल्ट और प्रॉपर्टी की लिस्ट तैयार कर रही है। अभी तक पुलिस को संजीव के छह बैंक अकाउंट मिलने के साथ उसकी पत्नी के अकाउंट भी पुलिस खंगाल रही है। पुलिस ने संजीव से अहम दस्तावेज भी बरामद कर जब्त कर लिया है।  इसी फाइल तैयार कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजेगी।

मामले में एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर की भूमिका का पता चला है। एसआइटी मामले की जांच कर रही है। फर्जी तरीके से रजिस्ट्री के दौरान तहसीलदार और इस्टेट ऑफिस का रोल भी खंगाला जा रहा है। पुख्ता सुबूत मिलने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।    

- कुलदीप सिंह चहल, एसएसपी, यूटी।

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