चंडीगढ़ में दुकानदारों की मांग- पूरे शहर के बूथ संचालकों को मिला मालिकाना हक, सेक्टर-23 में क्यों नहीं

इस समय शहर की सभी बूथ मार्केट के दुकानदारों को मालिकाना हक मिल चुका है सिर्फ सेक्टर-23 की इकलौती मार्केट के दुकानदार ही बचे हैं जिन्हें यह नहीं मिला है। इन्हें काम करते हुए 50 साल से ज्यादा का समय हो गया लेकिन उन्हें मालिकाना हक नहीं दिया गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 08:59 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 08:59 AM (IST)
चंडीगढ़ में दुकानदारों की मांग- पूरे शहर के बूथ संचालकों को मिला मालिकाना हक, सेक्टर-23 में क्यों नहीं
सिर्फ सेक्टर-23 की इकलौती मार्केट के दुकानदार ही बचे हैं जिन्हें यह नहीं मिला है।

चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-23 की बूथ मार्केट की दुकानों को मालिकाना हक देने की मांग तेज हो गई है। पूर्व सांसद सत्यपाल जैन यहां के दुकानदारों के समर्थन में आ गए हैं। मालूम हो कि इस समय शहर की सभी बूथ मार्केट के दुकानदारों को मालिकाना हक मिल चुका है, सिर्फ सेक्टर-23 की इकलौती मार्केट के दुकानदार ही बचे हैं जिन्हें यह नहीं मिला है। इन्हें यहां पर काम करते हुए 50 साल से ज्यादा का समय हो गया लेकिन उन्हें मालिकाना हक नहीं दिया गया। ऐसे में पूर्व सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य सत्य पाल जैन ने प्रशासन तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह सेक्टर-23 स्थित प्रगति मार्केट के दुकानदारों को उनकी दुकानों का मालिकाना हक दें। हाल में इन दुकानों का किराया 14 रुपये प्रति महीना से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है, उसे रद किया जाए।

गृह मंत्री अमित शाह और प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को लिखे पत्रों में जैन ने कहा कि इन बूथों पर काम करने वाले लोग 1971 से यहां पर काम कर  रहे हैं। जैन ने कहा कि शहर की अन्य बूथ मार्केट में दुकानों का मालिकाना हक दिया जा चुका है लेकिन सेक्टर-23 के प्रगति मार्केट एसोसिएशन के दुकानदार को बूथों का मालिकाना हक नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग लगभग 50 वर्षो से यहां काम कर रहे हैं वह भी बाकियों की तरह मालिकाना हक के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि मालिकाना हक देने के बजाय अचानक किराया 14 रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिमाह करना अनुचित है और दुकानदारों की आर्थिक क्षमता से बाहर है।

कमेटी ने नहीं दी रिपोर्ट

पिछले साल नवंबर में सेक्टर-23 की बूथ मार्केट की दुकानों का किराया नए सिरे से तय करने और दुकानदारों को मालिकाना हक देने के लिए तत्कालीन मेयर राजबाला मलिक ने तीन सदस्य सब कमेटी का गठन किया था। आज तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है। कमेटी में रविकांत शर्मा, सुनीता धवन और मनोनीत पार्षद चरणजीव सिंह को शामिल किया गया था। रविकांत शर्मा इस समय मेयर हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी जगह दूसरे पार्षद को मेंबर बनाया है। सदन की बैठक में यह भी तय हुआ था कि इस कमेटी में मार्केट एसोसिएशन के चंद पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा ऐसा नहीं किया गया।

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