चंडीगढ़ रिलायंस कंपनी पर चोरी हुई कार का क्लेम न देने का आरोप, आयोग ने ब्याज के साथ पांच लाख देने के दिए आदेश

रिलायंस पर उपभोक्ता आयोग-1 ने नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 531000 रुपए की राशि करने का आदेश दिया था। वहीं स्टेट कमीशन ने भी इस आदेश को जारी रखा और कंपनी पर 15 हजार रुपये उपभोक्ता को मानसिक परेशान करने के लिए हर्जाना लगाया।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 02:16 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 02:16 PM (IST)
चंडीगढ़ रिलायंस कंपनी पर चोरी हुई कार का क्लेम न देने का आरोप, आयोग ने ब्याज के साथ पांच लाख देने के दिए आदेश
चंडीगढ़ रिलायंस कंपनी पर चोरी हुई कार का क्लेम न देने का आरोप लगा है।

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग-1 की ओर से सेक्टर-34 स्थित रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ 24 अप्रैल 2019 को एक फैसला सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ रिलायंस ने स्टेट कमीशन में अप्लाई किया था लेकिन यहां भी उसकी अपील को खारिज कर दिया। स्टेट कमीशन के प्रेजिडेंट जस्टिस राज शेखर अत्री ने सुनवाई करते हुए कहा कि बीमा कंपनियों से उपभोक्ता बीमा करवाते है लेकिन समय आने पर उपभोक्ता को उस बीमा पॉलिसी का लाभ नहीं मिलता। उन्होंने साल 2019 में नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के दो फैसलों का उदाहरण देते हुए कहा कि बीमा कंपनियों की ओर से क्लेम न देने के मामले कमीशन में बड़ी संख्या में आते है।

पहले तो कंपनियां बीमा करते समय उपभोक्ताओं को लुभावने ऑफर देते है लेकिन बाद में बीमा का क्लेम देने के लिए उन्हें भटकाते है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोबारा अपील का कोई औचत्य नहीं है। यह कह कर स्टेट कमीशन ने चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग-1 के फैसले को बरकरार रखा। रिलायंस पर उपभोक्ता आयोग-1 ने नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 5,31,000 रुपए की राशि करने का आदेश दिया था। वहीं स्टेट कमीशन ने भी इस आदेश को जारी रखा और कंपनी पर 15 हजार रुपये उपभोक्ता को मानसिक परेशान करने के लिए हर्जाना लगाया।

अंबाला की रहने वाली रिटा देवी ने सेक्टर-34 स्थित रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके पति ने साल 2007 में एक कार (स्कार्पियो) ली थी और उन्हाेंने रिलायंस से 7,87,000 रुपये का इंश्योरेंस करवाया था। उन्होंने बताया कि उनके पति का देहांत हो चुका है और इस बीच कार आगरा से चुरा लिया गया था। जब उन्होंने कंपनी में क्लेम के लिए अप्लाई किया तो उन्होंने क्लेम देने से मना कर दिया। कंपनी का कहना था कि जिस व्यक्ति ने इंश्योरेंस करवाई थी, इस मामले में उनका हस्तक्षेप जरूरी है जबकि उन्हें कई बार समझाया गया कि उनके पति की मृत्यु हो चुकी है। जब कंपनी की ओर से क्लेम नहीं दिया गया तो उन्हाेंने इसकी शिकायत चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग-1 में की थी जहां पर आयोग ने उन्हें बीमा राशि वापस करने का आदेश दिया।

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