कोरोना टेस्ट से बढ़ेंगी PU हाॅस्टलर्स की मुश्किलें, रिपोर्ट पाॅजिटिव आई तो छोड़ना होगा हाॅस्टल

पीयू प्रशासन का कहना है कि पहले ही कैंपस में 250 से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। दो कर्मचारियों की तीन दिन पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में पीयू प्रशासन के सामने कैंपस में कोरोना का संक्रमण रोकना काफी बड़ा चैलेंज है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 01:52 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 01:52 PM (IST)
कोरोना टेस्ट से बढ़ेंगी PU हाॅस्टलर्स की मुश्किलें, रिपोर्ट पाॅजिटिव आई तो छोड़ना होगा हाॅस्टल
चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में 200 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। सांकेतिक फोटो

चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कैंपस में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। पीयू प्रशासन काफी दिनों से सभी हाॅस्टलर्स से घर वापसी का आग्रह कर रहा है, लेकिन हाॅस्टलर्स इसे मानने को तैयार नहीं है। स्टूडेंट्स का कहना है कि बीते एक साल से उनका रिसर्च वर्क काफी प्रभावित हो चुका है। ऐसे में वह हाॅस्टल में रहकर ही पढ़ाई करेंगे। साथ ही स्टूडेंट्स खुद को पीयू हाॅस्टल में अधिक सुरक्षित मान रहे हैं।

उधर, पीयू प्रशासन ने अब हाॅस्टलर्स को निकालने के लिए कोविड टेस्टिंग का सहारा लेना शुरू कर दिया है। पीयू के जिन हाॅस्टल में इस समय कर्मचारी और स्टूडेंट्स रह रहे हैं, उन सभी में अब कोविड टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। रविवार को सबसे पहले पीयू के गर्ल्स हाॅस्टल नंबर-2 में यूटी हेल्थ विभाग की टीम टेस्टिंग के लिए पहुंची। टेस्टिंग को लेकर हाॅस्टल में काफी हंगामा भी हुआ। कुछ छात्र नेताओं ने पीयू प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया। हाॅस्टल वार्डन और छात्र नेताओं के बीच काफी कहासुनी भी हुई। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को भी बुलाना पड़ा। छात्र नेताओं का आरोप था कि हाॅस्टलर्स का जबदर्स्ती कोरोना टेस्ट किया ज रहा है। पुलिस ने साफ किया कि किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती। 

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टेस्ट में पाॅजिटिव रिपोर्ट तो होगी दिक्कत 

पीयू के विभिन्न हाॅस्टल में यूटी हेल्थ विभाग की ओर से कोविड टेस्टिंग की गई है। ऐसे लोगों की संख्या 35 से 40 के बीच है। रिपोर्ट में अगर कोरोना पाॅजिटिव केस मिले तो हाॅस्टलर्स के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। पीयू प्रशासन का कहना है कि पहले ही कैंपस में 250 से अधिक कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। पीयू के दो कर्मचारियों की तीन दिन पहले कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। पीयू के लगभग सभी बड़े अधिकारी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। पीयू के गर्ल्स हाॅस्टल नंबर दो के सात कर्मचारी बीते दिनों कोरोना पाॅजिटिव हो चुके हैं। ऐसे में पीयू प्रशासन के सामने कैंपस में कोरोना का संक्रमण रोकना काफी बड़ा चैलेंज है। 

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400 हाॅस्टलर्स अभी भी कैंपस में रह रहे 

फरवरी, मार्च में कोविड से हालात कुछ सामान्य हुए तो पीयू प्रशासन ने रिसर्च स्काॅलर और विभिन्न साइंस संकायों के फाइनल ईयर स्टूडेंट्स के लिए कैंपस में एंट्री को मंजूरी दे दी थी। 500 से अधिक स्टूडेंट्स को हाॅस्टल अलाॅटमेंट कर दी गई। फिर अप्रैल व मई में पीयू कैंपस में ही कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगे। यूटी प्रशासन के सख्त निर्देशों के बाद पीयू प्रशासन ने एसी जोशी लाइब्रेरी और फिर हाॅस्टलर को भी घर जाने के निर्देश दिए लेकिन एसएफएस छात्र संगठन नेताओं ने पीयू प्रशासन के फैसले का कड़ा विरोध किया और हाॅस्टल रुम खाली करने से साफ इंकार दिया है।

मामले में अब पीयू प्रशासन और स्टूडेंट्स के बीच तनाव की स्थिति बन गई है। हर रोज पीयू कैंपस में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन जारी है। हाॅस्टलर्स पीयू के वार्डन पर स्टूडेंट्स को तंग करने और चेयरपर्सन और गाइड से धमकियां दिलाने का आरोप लगा रहे हैं। 

पीयू प्रशासन को भी स्टूडेंट्स की पढ़ाई का पूरा ख्याल है। लेकिन मौजूदा हालात में स्टूडेंट्स की सेफ्टी सबसे पहले हैं। स्टूडेंट्स को इस बात को समझना चाहिए। जैसे ही हालात बेहतर होंगे, सभी स्टूडेंट्स को फिर से कैंपस में बुला लिया जाएगा, लेकिन अभी स्टूडेंट्स को घर जाने के लिए कहा जा रहा है। कैंपस में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। कैंपस में बीते दिनों दो मौत हो चुकी हैं। प्रशासन ऐसे हालात में कोई रिस्क नहीं ले सकता। 

-प्रोफेसर एसके तोमर, डीएसडब्ल्यू, पंजाब यूनिवर्सिटी 

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