10 हजार रिश्वत की आरोपित चंडीगढ़ पुलिस एसआइ सरबजीत कौर को नहीं मिली जमानत, CBI ने रंगेहाथ पकड़ा था
सीबीआइ वकील ने दलील दी कि इस केस की जांच अभी चल रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अरोपित को जमानत न दी जाए। अगर सरबजीत कौर को जमानत मिलती है तो वह केस को गुमराह कर सकती है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दस हजार रुपये रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार चंडीगढ़ पुलिस की महिला एसआइ
की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। सेक्टर-34 की पूर्व एसआइ सरबजीत कौर जिला अदालत में सीबीआइ की विशेष अदालत में छह अक्टूबर को जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई की गई।
सीबीआइ वकील ने दलील दी कि इस केस की जांच अभी चल रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अरोपित को जमानत न दी जाए। अगर सरबजीत कौर को जमानत मिलती है तो वह केस को गुमराह कर सकती है। एक पुलिस अधिकारी होने के चलते उसकी बाहर अच्छी पकड़ है। ऐसे में वह केस से जुड़े लोगों को किसी से धमकी दिलवा सकती है या फिर वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करवा सकती है। यह केस काफी गंभीर है और आरोपित एसआइ पर जो आरोप लगे है वह भी बड़े है। मामले में सीबीआइ आरोपित के खिलाफ सबूतों इकट्ठा कर रही है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सीबीआइ जज जगजीत सिंह ने आरोपित सरबजीत कौर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
यह था मामला
17 सितंबर को सीबीआइ ने सब-इंस्पेक्टर सरबजीत कौर को सेक्टर-34 थाने से 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था। दो फरवरी 2021 को कजहेड़ी की रहने वाली एक महिला ने सीबीआइ को बताया का कि कजहेड़ी निवासी पवन व पति के खिलाफ सेक्टर-36 थाने में शिकायत दी थी कि दोनों ने उसकी 8 साल की बेटी का यौन शोषण किया है। पुलिस ने पवन व अन्य के खिलाफ दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच सब-इंस्पेक्टर सरबजीत कौर कर रही थी। सरबजीत ने शिकायतकर्ता पवन का नाम एफआइआर से हटाने के लिए उससे 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। अगर वह रिश्वत की रकम नहीं देगा, तो वह चालान में उसका नाम डाल देगी और उसे जेल भेज देगी। सरबजीत कौर द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत पवन ने सीबीआइ को दी थी। सरबजीत के गिरफ्तारी के बाद उसके पटियाला स्थित घर पर भी छापा मारकर अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। वहीं एसआइ की गिरफ्तारी के दूसरे दिन सेक्टर-34 थाना प्रभारी को भी लाइन हाजिर किया था।