डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने पर चंडीगढ़ पुलिस ने दिल्ली की एनजीओ पर दर्ज किया केस, जानें मामला

एक एनजीओ के खिलाफ पंजाब गायब नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज किया है। यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिल्ली चंडीगढ़ और अमृतसर में दिखाई गई थी। जांच के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने अब दिल्ली की एनजीओ के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 04:06 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:06 PM (IST)
डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने पर चंडीगढ़ पुलिस ने दिल्ली की एनजीओ पर दर्ज किया केस, जानें मामला
डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने पर चंडीगढ़ पुलिस ने दिल्ली की एनजीओ पर दर्ज किया केस।

चंडीगढ़, जेएनएन। एक एनजीओ के खिलाफ 'पंजाब गायब' नामक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज किया है। यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिल्ली, चंडीगढ़ और अमृतसर में दिखाई गई थी। आरोप है कि इसके जरिये खालिस्तान समर्थकों के एजेंडे का प्रचार किया गया।

भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अशोक कुमार आर परमार ने इसकी शिकायत चंडीगढ़ पुलिस को दी थी। मामले में जांच के बाद सेक्टर-36 थाना पुलिस ने डॉक्यूमेंट्री बनाने पर नई दिल्ली स्थित डिफेंस कालोनी के ग्राउंड फ्लोर स्थित एनजीओ और सतनाम सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

साल 2019 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अशोक कुमार आर परमार ने पुलिस को दी शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि गृह मंत्रालय को इनपुट मिले थे कि दिल्ली के एक एनजीओ ने पंजाब डॉक्यूमेंटेशन एंड एडवोकेसी प्रोजेक्ट द्वारा एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म पंजाब गायब नाम से बनाकर खालिस्तान समर्थक तत्वों के एजेंडा का प्रचार  किया जा रहा है। यह प्रचार 26 अप्रैल 2020 को दिल्ली, 25 मई को चंडीगढ़ में और सात मई को अमृतसर में फिल्म दिखाकर किया गया है।

इस जानकारी की पुष्टि के लिए तत्काल अपने स्तर पर विभागीय जांच करवाने पर पाया गया कि पंजाब गायब नाम से यह डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म खालिस्तान समर्थक तत्वों को खड़ा कर रही है। इसके अलावा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग डीआर पीएन चुट्टानी मेमोरियल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कांप्लेक्स सेक्टर-35 ने चंडीगढ़ में 25.5.19 को केंद्रीय प्रमाणन बोर्ड द्वारा प्रमाणन के बिना की गई थी। डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से मंजूरी जरूरी है। एनजीओ डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाकर खालिस्तान को बढ़ावा दे रही है।

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