चंडीगढ़ में Remdesivir की कालाबाजारी कर रहे 5 लोग गिरफ्तार, 10 हजार में बेचते थे एक इंजेक्शन

Chandigarh Remdesivir Blackmarketting पुलिस ने रेड कर बद्दी स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट से रेमडेसिविर इंजेक्शन की 3 हजार डोज बरामद की हैं। इन्हें लोकल मार्केट में बिना लाइसेंस व परमिट के 10 हजार रुपये तक में बचा जा रहा था।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 07:43 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:59 PM (IST)
चंडीगढ़ में Remdesivir की कालाबाजारी कर रहे 5 लोग गिरफ्तार, 10 हजार में बेचते थे एक इंजेक्शन
चंडीगढ़ पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाला गिरोह दबोचा है।

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। चंडीगढ़ पुलिस ने गैरकानूनी ढंग से महंगे दामों पर बिना लाइसेंस और परिमट रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन बेच रहे पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि रेमडेसिविर इंजेक्शन गंभीर कोरोना वायरस ग्रस्त मरीजों के इलाज में प्रयोग किया जाता है और इस समय देश भर में इसकी किल्लत चल रही है।

सेक्टर-17 स्थित ताज होटल में रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध ढंग से डील हो रही थी। इस सूचना पर ऑपरेशन सेल ने होटल में रेड कर आरोपितों को बिना परमिट व लाइसेंस के इंजेक्शन की खरीदा-फरोख्त करने पर रंगे हाथों दबोचा। दरअसल बद्दी (Himachal Pradesh) स्थित हेल्थ बायोटेक लिमिटेड कंपनी का एक कर्मचारी होटल में रेमडेसिविर इंजेक्शन के सैंपल लेकर डील के लिए आया था। ऑपरेशन सेल के एएसआइ सुरजीत सिंह, एरिया ड्रग इंस्पेक्टर और सेक्टर-17 थाना पुलिस ने होटल में रेड कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपितों की पहचान केरल के 21 वर्षीय अभिषेक पीवी, दक्षिण दिल्ली के सुशील कुमार, मध्यप्रदेश के भाेपाल के प्रभात त्यागी, केरल के फिलिप जैकॉब ओक्सिलियम पाला और केपी फ्रांसिस के रूप में हुई है।

बद्दी की फैक्टरी से पकड़ी 3 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज

ऑपरेशन सेल ने जब पांचों आरोपितों को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि तीन हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की डील होनी थी। होटल में डील के लिए सिर्फ सैंपल लाए गए थे। ऑपरेशन सेल ने पूछताछ के बाद बद्दी स्थित हेल्थ बायोटेक लिमिटेड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी में रेड की। जहां से पुलिस को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तीन हजार डोज बरामद हुई, जोकि बिना लाइसेंस व परमिट के लोकल मार्केट में बेचने के लिए गैरकानूनी ढंग से निकाली गई थी। दरअसल रेमडेसिविर  इंजेक्शन का प्रयोग कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। लगातार संक्रमित मामले बढ़ने के कारण मार्केट में इंजेक्शन की कमी हो गई। कई मैन्यूफैक्चरर रेमडेसिविर इंजेक्शन को बिना लाइसेंस व परमिट के लोकल मार्केट में सीधा केमिस्ट शॉप और अन्य डीलर को बेच रह हैं, जिसके कारण अस्पताल में इंजेक्शन की कमी हो रही है। इसके अलावा मार्केट में जो रेमडेसिविर इंजेक्शन तीन से पांच हजार रुपये है, उसके लिए 9 से 10 हजार रुपये कीमत वसूली जा रही है।

हेल्थ बायोटेक लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर भी गिरफ्तार

रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध डील करने पर हेल्थ बायोटेक लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर जीरकपुर निवासी  गौरव चावला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भारत सरकार की ओर से रेमडेसिविर इंजेक्शन को सीधा मार्केट में बेचने पर रोक लगाई गई है। इसक उल्लंघन करके कंपनी की ओर से इन इंजेक्शन को लोकल मार्केट में सीधा बेचा जा रहा था। पुलिस ने पकड़े गए पांचों आरोपित पर आइपीसी की धारा-420, 120 बी, ईसी एक्ट 1955 के सेक्शन 7 और ड्रग्स व कॉसमैटिक्स एक्ट 1940 के सेक्शन 27 के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

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