युवाओं में बढ़ती नशे की लत रोकने के लिए कोटपा एक्ट में बदलाव पर चंडीगढ़ पीजीआइ में बैठक, 300 डाक्टर हुए शामिल

युवाओं में बढ़ती सिगरेट और तंबाकू की लत को रोकने के लिए सिगरेट व अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा)-2003 में बदलाव करने के लिए चर्चा की गई। पीजीआइ के डिपार्टमेंट आफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ की ओर से वीडियो कांफ्रेसिंग द्वारा बैठक की गई।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 11:28 AM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 11:28 AM (IST)
युवाओं में बढ़ती नशे की लत रोकने के लिए कोटपा एक्ट में बदलाव पर चंडीगढ़ पीजीआइ में बैठक, 300 डाक्टर हुए शामिल
पीजीआइ के डिपार्टमेंट आफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ की ओर से वीडियो कांफ्रेसिंग में शामिल डाक्टर्स।

चंडीगढ़, जेएनएन। पीजीआइ के डिपार्टमेंट आफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ की ओर से सिगरेट व अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा)-2003 पर चर्चा को लेकर आनलाइन बैठक हुई। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में कोटपा अधिनियम में कुछ जरूरी बदलाव और जुर्माना राशि को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। ताकि युवाओं में नशे की बढ़ती लत को राेका जा सके। इसके अलावा समाज में नशा का इस्तेमाल से बढ़ रहे रोगों पर लगाम लगाई जा सके।

ये वीडियो कांफ्रेंसिंग पीजीआइ के सामुदायिक चिकित्सा और स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ और द यूनियन साउथ-ईस्ट एशिया फार स्ट्रेटेजिक इंस्टीट्यूट फार पब्लिक हेल्थ एंड रिसर्च (एसआइपीआरई) के सहयोग से आयोजित की गई। एसोसिएशन प्रोफेशनल सोशल वर्कर्स एंड डेवलपमेंट प्रेक्टिशनर्स (एपीएसडब्ल्यूपी) और इंटीग्रेटेड एसोसिएशन आफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट्स (आइएएमबीएसएस) ने कोटपा एक्ट 2003 में संशोधनों के समर्थन में एक आभासी वार्ता का आयोजन किया।

यह कार्यक्रम डा. राणा जे सिंह, उप क्षेत्रीय निदेशक (तंबाकू और एनसीडी नियंत्रण), द यूनियन साउथ ईस्ट एशिया की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। डा. अमित यादव वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार टीसी द यूनियन एसईए, डा. राकेश गुप्ता अध्यक्ष राजस्थान कैंसर फाउंडेशन जयपुर, डा. पीसी गुप्ता निदेशक हीलिस सेखसरिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ नई मुंबई, दीपक मिश्रा सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक विकास सोसायटी, डा. सोनू गोयल आभासी संवाद के वक्ता थे। कार्यक्रम में देशभर से लगभग 300 प्रतिभागी शामिल हुए।

डा. सोनू गोयल कार्यक्रम के माडरेटर थे। इस दौरान डा. राणा ने अधिक गति से तंबाकू के खतरे से निपटने के लिए संशोधनों की आवश्यकता पर जोर दिया। डा. पीसी गुप्ता जगह-जगह पर कोटपा जैसे कानून और दो प्रचलित दृष्टिकोण के अस्तित्व पर जोर दिया। यानी नए उपयोगकर्ताओं को तंबाकू शुरू करने से रोकने और मौजूदा उपयोगकर्ताओं को छोड़ने में मदद करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इसके अलावा तंबाकू मुक्त टाइम्स का 11वां संस्करण जो एक द्विमासिक संस्करण है, प्रख्यात गणमान्य व्यक्तियों द्वारा जारी किया गया था। यह संस्करण हमारे देश में तंबाकू उत्पाद अपशिष्ट के बोझ से निपटने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और विशेषज्ञ सिफारिशों पर प्रकाश डालता है।

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